दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को बड़ी राहत देते हुए उन्हें जमानत दे दी है. इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने 1 जुलाई 2023 को सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें तत्काल समर्पण का निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ तीस्ता ने सुप्रीम कोर्ट मे जमानत याचिका दाखिल की थी. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा कि तीस्ता गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर तीस्ता जमानत शर्तों का उल्लंघन करती हैं तो सरकार अर्जी दाखिल कर सकती है. निचली अदालत को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की किसी टिप्पणी से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हाईकोर्ट का फैसला विकृत है. हाईकोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है उससे आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल है. हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष गलत कि तीस्ता ने FIR रद्द करने की अर्जी नहीं दी.
सुनवाई के दौरान तीस्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने पूरा मामला समझाया. उन्होंने कहा कि फर्जी तौर पर सबूत गढ़ कर एफआइआर दर्ज की गई. गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा नियमित जमानत देने से इनकार किए जाने के तुरंत बाद कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया, लेकिन उन्हें अंतरिम सुरक्षा देने के मुद्दे पर न्यायाधीशों में मतभेद दिखे. यह मामला 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने से संबंधित है.