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हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते को दोबारा से लागू किया जाएगा। मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को 1 जुलाई 2021 से लागू करने का ऐलान किया है। इससे केंद्र सरकार के लगभग 52 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। लेकिन कर्मचारी अभी यह समझ नहीं रहे हैं कि उनके तनख्वाह में कितनी बढ़ोतरी होगी।
बताते चलें कि सरकार की तरफ से कहा गया है कि कर्मचारियों को यह लाभ 1 जुलाई 2021 से दिए जाएंगे। इसके बाद कर्मचारियों का डीए 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा। जिसमें 3 प्रतिशत और एक्सपेक्टेड 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है। डीए की यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2021 से बकाया है। सातवें वेतन आयोग के नियमों के अनुसार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से मल्टीप्लाई किया जाता है।
ये फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इससे सरकारी कर्मचारियों की मंथली सैलरी का पता चलता है। इसके ऊपर जितना अलाउंस मिलता है उसे जोड़ कर सैलरी तय होती है।सैलरी ब्रेकअप के सेगमेंट में महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल रेंबर्समेंट आदि शामिल है।
इस वेतन में लंबित बकाया राशि के साथ डीए के बाद यात्रा भत्ता और बढ़ जाएगा। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होने के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पीएफ और ग्रेच्युटी कंट्रीब्यूशन में भी बदलाव होगा।
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग के नियम के अनुसार किसी भी कर्मचारी की सैलरी के तीन हिस्से होते हैं। पहला उसकी बेसिक सैलरी, दूसरा उसे मिलने वाले भत्ते और तीसरा कटने वाली राशि या डिडक्टिब्लस। केंद्रीय कर्मचारियों की नेट सीटीसी उसकी बेसिक सैलरी का फिटमेंट फैक्टर और सभी भत्तों को जोड़ होता है।
हालांकि हाथ में आने वाली सैलरी उसकी नेट सीटीसी से कम होती है क्योंकि इसमें पीएफ की राशि कट जाती है। अब डीए के 17 से 28 फीसदी तक पहुंच जाने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की तन्ख्वाह में इजाफा हो जाएगी।
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