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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
मुंबई: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को उनके होम ग्राउंड मुंबई में झटका दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुंबई नगर निगम चुनाव (बीएमसी चुनाव) के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को रद्द कर दिया गया है और 2017 के अनुसार 227 वार्डों के ढांचे को बनाए रखने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। शिंदे सरकार ने मुंबई और अन्य नगर निगमों के सदस्यों की संख्या में भी संशोधन किया है।
एकनाथ शिंदे के इस फैसले से कांग्रेस काफी खुश है। मुंबई कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि सरकार का यह फैसला मुंबई की जीत है। देवड़ा ने शिवसेना पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना द्वारा शिवसेना के लिए लिया गया यह फैसला अब इतिहास बन गया है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाने और नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का सफाया करने की यह रणनीति विफल रही है।
मिलिंद देवड़ा ने कहा, ''महाराष्ट्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में मुंबई नगर निगम के पुनर्गठन के लिए शिवसेना द्वारा लिए गए निर्णय को रद्द कर दिया। इस पुनर्गठन के कारण कांग्रेस को मुंबई में हार का सामना करना पड़ सकता था। कांग्रेस ने कई बार इसका विरोध भी किया, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब सरकार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मैं महाराष्ट्र सरकार की सराहना करता हूं। चुनाव आयोग को वार्ड के मुताबिक आरक्षण पारदर्शी तरीके से तय करना चाहिए। कांग्रेस हमेशा न्याय, समावेशिता, लोकतंत्र और सुशासन के लिए लड़ेगी।''
वार्ड संरचना में संशोधन से अब नगर निगम में 236 सदस्यों की जगह 227 सदस्य होंगे। महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा वार्डों के पुनर्गठन के कारण मुंबई नगर निगम की संख्या बढ़कर 236 हो गई थी। इस पुनर्गठन पर कांग्रेस के साथ बीजेपी ने आपत्ति जताई थी। इतना ही नहीं कांग्रेस ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी।
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कल मुंबई में कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस बैठक में देवड़ा ने वार्डों के पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस की नाराजगी व्यक्त की, जिसके बाद शिंदे और फडणवीस ने तुरंत महाविकास अघाड़ी सरकार के वार्ड पुनर्गठन को रद्द कर दिया।
जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी तब वार्ड संरचना के मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस के बीच विवाद हुआ था। वार्ड ढांचे को लेकर कांग्रेस नेताओं ने शिवसेना की आलोचना की थी। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस नेताओं ने भी वार्ड गठन के मुद्दे पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब कांग्रेस ने शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत किया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना महा विकास अघाड़ी में अलग-थलग दिख रही है।

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