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किडनी तस्करी से जुड़ी बड़ी खबर

Nilmani Pal
7 Jun 2022 5:01 AM GMT
किडनी तस्करी से जुड़ी बड़ी खबर
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न्यूज़ सोर्स - आज तक 

रोजगार की तलाश में रघु गुजरात से दिल्ली आया. उसकी माली हालत ठीक नहीं थी. वो काम की तलाश में था. उसे काम तो नहीं मिला, उल्टा उसका पर्स और कीमती सामान चोरी हो गया. इसी दौरान उसकी मुलाकात राजू नाम के एक शख्स से हुई. राजू ने उससे कहा कि अगर वो एक किडनी दे देता है तो इतने पैसे मिलेंगे कि उसकी सारी दिक्कतें दूर हो जाएंगी. ना-नुकुर करने के बाद रघु किडनी देने के लिए मान गया. किडनी देने पर रघु को 3.20 लाख रुपये दिए गए.

किडनी निकालने और उसे बेचने का ये सारा खेल राजधानी दिल्ली के पॉश इलाके हौज-खास में चल रहा था. इस मामले में पुलिस ने दो डॉक्टर समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस पूरी गैंग का सरगना कुलदीप राय विश्वकर्मा था.

पुलिस के मुताबिक, ये गैंग 20 से 30 साल की उम्र के ऐसे नौजवानों को टारगेट करता था, जिन्हें पैसों की जरूरत होती थी. वो उन्हें पैसे के लिए अपनी किडनी बेचने के लिए मनाता था. पुलिस ने बताया कि ये गैंग अब तक 20 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका था. यानी, रघु अकेला नहीं था बल्कि उसके जैसे और रघु थे, जिनकी गरीबी का फायदा उठाया गया और उनकी किडनी बेची गई.

भारत में मानव अंगों की गैर-कानूनी खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए 1994 में कानून बनाया गया था. भारत में मानव अंगों के गैर-कानूनी कारोबार के लिए 5 से 10 साल तक की कैद और 20 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है. वहीं, मानव टिशू का कारोबार करने पर एक से तीन साल की कैद और 5 से 25 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. इतना सख्त कानून होने के बावजूद भारत में धड़ल्ले से मानव अंगों की खरीद-फरोख्त जारी है.

कितना बड़ा है मानव अंगों का कारोबार?

- दुनियाभर में मानव अंगों की मांग बढ़ रही है, लेकिन इसकी तुलना में डोनर नहीं हैं. इस कारण गैर-कानूनी तरीके से मानव अंगों की तस्करी और खरीद-फरोख्त बढ़ रही है.

- ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी (GFI) के मुताबिक, हर साल जितनी ऑर्गन ट्रांसप्लांट होते हैं, उसमें से 10% तस्करी के जरिए होते हैं. सबसे ज्यादा तस्करी किडनी की होती है.

- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल 10 हजार से ज्यादा किडनी की तस्करी होती है. वहीं, भारत में हर साल 2 हजार लोग अपनी किडनी बेच देते हैं. ये आंकड़ा 2007 का है. जाहिर है कि इसमें और इजाफा हुआ होगा.

- दुनिया के ज्यादातर देशों में मानव अंगों को खरीदना और बेचना गैर-कानूनी है. ईरान इकलौता देश है जहां ऐसा करना कानून के दायरे में आता है.

- GFI के मुताबिक, दुनियाभर में मानव अंगों का कारोबार 1.7 अरब डॉलर यानी 13 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है. ये आंकड़ा भी 2017 तक का ही है.

1 करोड़ में बिकती है किडनी

मानव अंगों का गोरखधंधा करने वाले लोग भोले-भाले और गरीबों को अपना शिकार बनाते हैं. ये गरीबों को पैसे का लालच देते हैं और उनसे अपने अंग बेचने को कहते हैं. सबसे ज्यादा मांग किडनी की होती है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक किडनी 1 करोड़ रुपये के आसपास बिकती है. जरूरत के हिसाब से ये कीमत कम-ज्यादा हो सकती है. वहीं, जो किडनी देता है, उसे सिर्फ 3 लाख रुपये ही मिलते हैं. बाकी पूरा पैसा ये पूरा काला कारोबार चलाने वाले आपस में बांट लेते हैं.


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