भारत

गगनयान मिशन से जुड़ी बड़ी खबर, केंद्रीय मंत्री ने दी पूरी जानकारी

Nilmani Pal
11 July 2022 2:13 AM GMT
गगनयान मिशन से जुड़ी बड़ी खबर, केंद्रीय मंत्री ने दी पूरी जानकारी
x

भारत का गगनयान (Gaganyaan) मिशन नया इतिहास रचने जा रहा है. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी गगनयान मिशन की तैयारी हो चुकी है. अगले साल भारत 1 या 2 लोगों को अंतरिक्ष में भेजेगा. इसके लिए 2 ट्रायल किए जाएंगे. जो कि इस साल के अंत तक पूरे कर लिए जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि पहला ट्रायल खाली होगा. मतलब पहले मानव रहित विमान भेजा जाएगा. इसके बाद दूसरे ट्रायल में महिला रोबोट युक्त अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इन दोनों मिशन के आधार पर तीसरा मिशन होगा. तीसरे चरण में दो लोगों को स्पेस फ्लाइट में भेजा जाएगा. इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था कि यह भारत का इकलौता अंतरिक्ष मिशन है. गगनयान स्पेस फ्लाइट मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा. इसमें पहला टेस्टत साल 2022 के मध्य में होगा. पहले चरण में गगनयान का मानव रहित मिशन G1 होगा. इसके बाद 2022 के अंत में व्योममित्र नाम का रोबोट भेजा जाएगा. भारत की ओर से अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले रोबोट का नाम व्योममित्र है. इस रोबोट को इसरो ने डेवलप किया है. चालकदल के साथ पहली बार गगनयान मिशन 2023 में लॉन्च होगा. दरअसल पीएम मोदी ने भी साल 2018 में एक भाषण में कहा था कि भारत साल 2022 तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री गगनयान में सवार हो सकेगा.

वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी हाल ही में आंध्र प्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में ह्यूमन रेटेड सॉलिड रॉकेट बूस्टर यानी HS200 का सफल परीक्षण किया था. वहीं, गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलटों ने रूस में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इन्हें मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण दिया गया था. इन्हें गगननॉट्स (Gaganauts) बुलाया जाएगा. गैगरीन कॉस्मोनॉट्स ट्रेनिंग सेंटर में भारतीय वायुसेना के पायलटों की ट्रेनिंग हुई थी. भारतीय वायुसेना के 4 पायलट, जिनमें एक ग्रुप कैप्टन हैं. बाकी तीन विंग कमांडर हैं, उन्हें गगनयान के लिए तैयार किया जा रहा है. फिलहाल इन्हें बेंगलुरू में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं. गगनयान मिशन के तहत ISRO अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा कराएगा. इन अतंरिक्षयात्रियों को 7 दिन के लिए पृथ्वी के लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था.


Next Story