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रांची: IAS पूजा सिंघल के करीबी विशाल चौधरी के ठिकानों से ईडी ने छापेमारी में बेहिसाब लेन-देन के साक्ष्य जुटाए हैं। झारखंड कैडर के कई आईएएस अधिकारियों से विशाल चौधरी के करीबी रिश्ते हैं। विशाल को आईएएस राजीव अरुण एक्का का करीबी माना जाता है, लेकिन उनके अलावा कई अन्य आईएएस व एक आईएफएस अधिकारी का भी विशाल के यहां आना-जाना था।
विशाल ने अशोक नगर रोड नंबर 6 में किराए का घर ले रखा है। वह रियल स्टेट, कौशल विकास, स्वास्थ्य, उत्पाद विभाग से जुड़े कारोबार करता है। जानकारी के अनुसार 2012 में विशाल ने विनायका फंडामेंटल रिसर्च एंड एजुकेशन सोसायटी की शुरुआत की थी। इसके बाद उसने झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ एमओयू किया था। उसने फ्रंटलाइन प्रोमोटर्स प्रा. लि. भी रजिस्टर ऑफ कंपनीज में पत्नी श्वेता सिंह चौधरी, पिता त्रिवेणी चौधरी को निदेशक बताते हुए 25 मई 2009 को कंपनी खोली थी। कंपनी का रजिस्टर्ड पता मुजफ्फरपुर का है। विशाल के ही द्वारा व्यम इंफो सिक्योरिटी सर्विस प्रा. लि, व्याम इंफो सॉल्यूशन व अन्य कंपनियों संचालन किया जाता था।वर की सप्लायी का काम भी कर चुका है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को छापेमारी के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन देन के साक्ष्य मिले हैं।
मुजफ्फरपुर जिले के राहुलनगर निवासी विशाल चौधरी उर्फ विक्की के घर पर मंगलवार सुबह ईडी की तीन सदस्यीय टीम ने छापेमारी की। झारखंड की निलंबित आईएएस पूजा सिंघल से पूछताछ में विशाल का नाम आया है। तलाशी कर रहे ईडी के अधिकारियों ने किसी तरह का कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। प्रॉपर्टी के पेपर की प्रति लेने के लिए ईडी के अधिकारी फोटोकॉपी मशीन साथ लाए थे। सभी पेपर की स्कैन व फोटोकॉपी साथ ले गए।
सुबह सात बजे टीम राहुलनगर पहुंची और दोपहर 2:52 बजे विशाल के घर से निकली। राहुलनगर रोड नंबर 15 में आवास नंबर 108 विशाल के पिता त्रिवेणी का घर है। स्थानीय पुलिस के साथ टीम ने जांच की। ईडी के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी व बैंक के कागजात खंगाले। हालांकि, छापेमारी में किस तरह की संपत्ति मिली है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
ईडी की टीम गई तो घर में केवल विशाल की मां वीणा देवी थी। उन्होंने छापेमारी का विरोध किया, लेकिन ईडी के समझाने पर मान गईं। यह भी बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले ईडी की टीम विशाल के घर का सत्यापन करने आयी थी। वहां के लोगों ने बताया कि विशाल पिछले छठ में आया था। इसके बाद नहीं आया।
ईडी टीम ने हिरासत में लेकर विशाल को कई जगहों पर सत्यापन के लिए ले गई। साढ़े 8 बजे उसे अरगोड़ा में विनायका के दफ्तर ले जाया गया। जहां घंटों तक कागजातों का सत्यापन कराया। ईडी को आशंका है कि अपने कई कंपनियों के जरिए विशाल ने भी मनी लाउंड्रिंग की है। ईडी की टीम ने कई बैंक खातों, निवेश संबंधी कागजातों की पड़ताल इस दौरान की। सरकार में सप्लायी, ठेके के पहलुओं पर भी ईडी पड़ताल कर रही है। हालांकि पूछताछ के बाद ईडी ने विशाल को छोड़ दिया।
ईडी सूत्रों के मुताबिक, बीते दो साल में विशाल तुर्की, स्वीट्जरलैंड, श्रीलंका, दुबई आदि देशों में जा चुका है। वह इसी हफ्ते के आखिर में बेटे के जन्मदिन पर विदेश जाने की तैयारी में था। नोएडा व नैनिताल में होटल खरीदने की भी चर्चा है। वहीं, मुजफ्फरपुर में उसने पिता के लिए फर्नीचर का बड़ा शोरूम खोला है।
विशाल ने कोविड के दौरान मेडिकल किट की सप्लाई कर करोड़ों की कमायी की है। छापेमारी के बाद जब्त कागजातों में करोड़ों के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। कई नौकरशाहों के पैसों के निवेश के पहलू पर ईडी ने साक्ष्य जुटाया है।
jantaserishta.com
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