मुंबई। मुंबई की डिंडोशी सेशन कोर्ट ने गुरुवार को अभिनेता रवि किशन से जुड़े मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. एक 25 वर्षीय महिला ने कोर्ट में यह दावा किया था कि अभिनेता रवि किशन उसके जैविक पिता हैं. हालांकि शिनोवा शुक्ला नाम की महिला का दावा है कि रवि किशन को "चाचू" कहती है, लेकिन वह वास्तव में उसके जैविक पिता थे. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिनेता रवि किशन की ओर से पेश वकील अमीत मेहता ने दलील दी कि उनके और उस महिला के बीच कोई संबंध नहीं है.
अमीत मेहता ने कहा कि रवि किशन, शिनोवा शुक्ला की मां अपर्णा सोनी उर्फ अपर्णा ठाकुर को जानते थे, लेकिन वह केवल उनकी अच्छी दोस्त थीं. वो सोनी फिल्म उद्योग में काम करती थीं इसलिए अभिनेता उन्हें जानते थे. मेहता ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों कभी किसी रिश्ते में नहीं रहे. शिनोवा शुक्ला की याचिका पर वकील अशोक सरावगी ने दलील दी और अंतरिम उपाय के रूप में मांग की गई है कि डीएनए करने का निर्देश दिया जाए. उन्होंने कहा कि अपर्णा सोनी ने 1991 में राजेश सोनी से शादी की थी. हालांकि, कुछ विवाद और मतभेदों के कारण सोनी ने 1995 में वैवाहिक घर छोड़ दिया.
शिनोवा के वकील सरावगी ने आगे कहा कि अपर्णा किसी तरह एक पत्रकार के रूप में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ीं, उन्हें और रवि किशन को कथित तौर पर एक-दूसरे से प्यार हो गया और उनके बीच रिश्ते बन गए. इस रिश्ते से ही शिनोवा शुक्ला का जन्म हुआ और कथित तौर पर रवि किशन हमेशा उनकी देखभाल करते रहे हैं. हालांकि, पिछले कुछ सालों से रवि किशन, शिनोवा शुक्ला के साथ रिश्ते से इनकार करने लगे थे और उनकी देखभाल करने की जहमत भी नहीं उठाते थे. सरावगी ने तर्क दिया कि रवि किशन अब शिनोवा शुक्ला को अपनी जैविक बेटी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं. इसलिए डीएनए टेस्ट कराने की जरूरत है, जिससे कोर्ट इस नतीजे पर पहुंच सके कि अभिनेता रवि किशन, शिनोवा शुक्ला के जैविक पिता हैं.
मामले पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एवी धुल्धुले ने फैसला सुरक्षित रख लिया. इस मामले पर 26 अप्रैल को अदालत फैसला सुनाएगी. रवि किशन की पत्नी प्रीति शुक्ला ने पहले ही लखनऊ में अपर्णा सोनी और शिनोवा शुक्ला के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. ऐसा तब हुआ, जब अपर्णा सोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कथित आरोप लगाए थे.