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राजधानी से बड़ी खबर, मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरने पर बैठे मेयर, कहा- फुटपाथ से चलेगा ऑफिस

Admin2
12 Dec 2020 3:14 AM GMT
राजधानी से बड़ी खबर, मुख्यमंत्री निवास के बाहर धरने पर बैठे मेयर, कहा- फुटपाथ से चलेगा ऑफिस
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फाइल फोटो 

मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे मेयर

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | न्यू दिल्ली डेस्क: दिल्ली में बीते 5 दिन से मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठे तीन एमसीडी मेयर और कई दर्जन पार्षदों ने अब नया प्लान बनाया है. केजरीवाल सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब तीनों मेयर सोमवार से सीएम हाउस के बाहर बने फुटपाथ से ही मेयर दफ्तर चलाएंगे यानी इसी फुटपाथ से दिल्ली के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइल पास होंगी और यहीं पर अधिकारियों के साथ बैठक भी होगी.

नॉर्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश ने इस संबंध में जानकारी दी. जयप्रकाश कहते हैं कि दिल्ली की सोई हुई सरकार को जगाने के लिए अब और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के बाहर फुटपाथ से ही दिल्ली का प्रशासन चलाने की जरूरत पड़ेगी. इस फैसले में दिल्ली नगर निगम के तीन मेयर और कई समितियों के चेयरमैन शामिल हैं यानी इन सभी से जुड़ी जितनी भी बैठकें होंगी, वो फुटपाथ पर ही होंगी. इस दौरान बताया यह भी गया कि डिप्टी कमिश्नरों के साथ मीटिंग भी सीएम हाउस के बाहर फुटपाथ पर होगी.
दिल्ली के प्रथम नागरिकों के साथ ऐसा सलूक - मेयर
एक्सक्लूसिव बातचीत में साउथ एमसीडी की मेयर अनामिका मिथिलेश ने कहा है कि यह बेहद हैरान करने वाली बात है कि दिल्ली के प्रथम नागरिक यानी दिल्ली के तीनों महापौर के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है. हम पिछले 5 दिन से खुले आसमान के नीचे सीएम हाउस के बाहर बैठे हैं लेकिन कोई भी प्रशासन का आदमी पानी तक पूछने नहीं आया है. कई पार्षदों की अब तबीयत भी बिगड़ने लगी है लेकिन अभी भी दिल्ली सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही.
13000 करोड़ के फंड की मांग कर रहे हैं मेयर
बता दें सीएम हाउस के बाहर बीते 5 दिन से खुले आसमान के नीचे बैठे तीनों ही नगर निगम के मेयर और पार्षद दिल्ली सरकार से एमसीडी के 13000 करोड़ रुपए का फंड मांग रहे हैं,
पूरा फंड दिया गया है, इनके खिलाफ जांच करेंगे- सत्येंद्र जैन
वहीं, एमसीडी के नेताओं की मांग पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि एमसीडी के नेता जितना फंड मांग रहे हैं उससे ज्यादा दिल्ली सरकार उन्हें फंड मुहैया करा चुकी है लेकिन हमें जो जानकारी मिली है कि इसमें कई हजार करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिला है. ऐसे में हमें गड़बड़ी की आशंका है इसलिए दिल्ली सरकार अब एमसीडी के इन खातों की जांच कराएगी.
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