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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: पिछले सात दशकों से भयंकर आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका में हालात सुधरने में काफी वक्त लग जाएगा। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पीएम रानिल विक्रमसिंघे अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। देश सर्वदलीय सरकार की तरफ आगे बढ़ रहा है। इस बीच एक बार फिर श्रीलंका ने भारत सरकार की तारीफ की है। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि भारत ही इकलौता देश है, जिसने हमे क्रेडिट लाइन दी है। हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया के अन्य संपन्न देश भी श्रीलंका की मदद को आगे आएंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने दुनिया के विभिन्न देशों से ईंधन की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी देश हमारी मदद के लिए आगे आता है, हम उसकी सराहना करते हैं। अभी सिर्फ भारत की एकमात्र देश है, जिसने हमे एक क्रेडिट लाइन दी है।
कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि हम रूसी सरकार के साथ भी चर्चा कर रहे हैं। शुरुआती बैठकें रूस में हुई हैं। हमने अपनी जरूरतें उन्हें बता दी हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं। हम यह सुनने का इंतजार कर रहे हैं कि श्रीलंका को रूस की तरफ से किस तरह की सुविधा दी जाएगी।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस वक्त साल 1948 के बाद से भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में सरकार गिर चुकी है और नई सरकार के गठन की तैयारी है। 21 जुलाई को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है। उधर, श्रीलंका में रोजमर्रा जैसी जरूरतों के दाम आसमान छू रहे हैं। ईंधन की कमी से वाहनों के पहिए थमे हुए हैं। लोगों को कई दिनों तक लाइन लगाने के बाद पेट्रोल नसीब हो रहा है। इस हाहाकार के बीच सड़क पर उग्र प्रदर्शन भी चल रहा है। कई इलाकों में हिंसक घटनाओं के बीच प्रदर्शनकारियों ने सरकारी न्यूज चैनल समेत राष्ट्रपति और पीएम आवास पर कब्जा कर लिया है। श्रीलंका में हालात काबू में करने के लिए सेना ने चप्पे-चप्पे पर मोर्चा संभाला हुआ है।
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