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मेघालय से बड़ी खबर

jantaserishta.com
5 Sep 2022 6:03 AM GMT
मेघालय से बड़ी खबर
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने यहां कॉनराड संगमा की एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) सरकार से समर्थन वापस लेने का संकेत दिया है। भगवा पार्टी ने भ्रष्टाचार-विरोधी नारे का इस्तेमाल करते हुए चुनाव पूर्व यह बिगुल फूंका है। आपको बता दें कि यहां बीजेपी के सिर्फ दो ही विधायक हैं, जो कि अभी तक सरकार को समर्थन दे रहे हैं। दोनों ही एमएलए अक्सर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विरोधाभासी बयान देते रहे हैं।

शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मेघालय प्रभारी डॉ चुबा एओ ने एक बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, "हम एक महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए योजना बना रहे हैं कि हम समर्थन वापस लेंगे या नहीं। हम एमडीए सरकार से समर्थन वापस भी ले सकते हैं। इस विषय पर हम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ फिर से चर्चा करेंगे।"
हालांकि, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर कहा, ''यह निर्णय राज्य कार्यकारिणी समिति ने पिछले जुलाई के अंतिम सप्ताह में लिया था। मुझे आश्चर्य है कि आज तक कुछ भी क्यों नहीं हुआ। कल के बयान तक जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।" निर्णय को अमल में लाना में हो रही देरी के बारे में जब बीजेपी नेता से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पार्टी द्वारा सभी निर्णयों को लागू करने में राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका होती है। मुझे लगता है कि वह इस सवाल का जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त होंगे।"
भाजपा की मेघालय यूनिट फिलहाल असमंजस में दिख रही है। प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने जीएचएडीसी में पार्टी पार्षद बर्नार्ड आर मारक का बचाव किया है। उनका कहना है कि मामले की जांच चल रही है। वहीं, वरिष्ठ विधायक एएल हेक और एक राष्ट्रीय स्तर के नेता को लगता है कि चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया के तहत है ऐसे में कोई धारणा बनाना विवेकपूर्ण नहीं होगा। आपको बता दें कि मारक दक्षिण तुरा सीट के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। अभी उस सीट का नेतृत्व सीएम कॉनराड के संगमा कर रहे हैं।
राज्य के कार्यकारी सदस्य पवन शर्मा ने मारक के मामले को जिस तरह से संभाला जा रहा है उसके लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि मारक के खिलाफ मुख्यमंत्री अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। शर्मा ने कहा, "कोई विकल्प नहीं बचा है। हम एक स्वतंत्र जांच के लिए कानूनी मार्ग तलाशेंगे।"
पार्टी के अधिकांश सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं ने शर्मा के बयान पर नाराजगी की है। सूत्रों ने खुलासा किया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष ने शिलांग में एक बैठक में शर्मा को फटकार लगाई। यहां तक ​​कि उन्हें कमरे से बाहर भी निकाल दिया गया।
साभार: हिंदुस्तान
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