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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: महाराष्ट्र का सियासी संग्राम फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे मोर्चे पर डटे हुए हैं. उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी तेवर दिखाए हैं. इस बीच, महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा की भी एंट्री हो गई है. केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है.
उद्धव ठाकरे के साथ निचले सदन (विधानसभा) से कैबिनेट मंत्री के तौर पर सिर्फ आदित्य ठाकरे बचे हैं. इसके अलावा दो और मंत्री सुभाष देसाई और अनिल परब हैं. दोनों की विधान परिषद के सदस्य हैं. एक अन्य कैबिनेट मंत्री शंकरराव गडख क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष पार्टी से हैं.
एकनाथ शिंदे, दादा भुसे, गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे, उदय सामंत. इसमें उदय सामंत गुवाहाटी के रास्ते पर हैं. इसके अलावा राज्य मंत्री शंभूराज देसाई, अब्दुल सत्तारी, राजेंद्र पाटिल येद्रावकर, बच्चू कडू (प्रहार जनशक्ति) भी उनके साथ हैं.
गुवाहाटी के होटल में ठहरे शिवसेना के बागी विधायकों से असम के दो मंत्रियों ने मुलाकात की है. असम के मंत्री अशोक सिंघल और पीयूष हजारिका रविवार को होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे. यहां दोनों नेताओं ने शिवसेना के बागी विधायकों से बातचीत की.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया है. कोश्यारी ने मुंबई के सीपी और महाराष्ट्र डीजीपी को चिट्ठी लिखकर इस संबंध में निर्देश दिया है.
दुख है कि जिस असम में बाढ़ आई है, जहां लोगों के लिए रहने के लिए जगह नहीं है वहां विधायकों पर पैसा खर्च किया जा रहा है। यह बात लोगों को सोचनी चाहिए। इस देश में लोकशाही है या नहीं यह भी सोचना जरूरी है क्योंकि यह (BJP) इसको विकल्प की तरह ले रहे हैं:माहाराष्ट्र में मंत्री आदित्य ठाकर pic.twitter.com/ceN8NeiUXS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022

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