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कर्नाटक से बड़ी खबर, हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने की मिली अनुमति

Nilmani Pal
7 Feb 2022 8:17 AM GMT
कर्नाटक से बड़ी खबर, हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने की मिली अनुमति
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कर्नाटक। कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब विवाद के बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज (PU college in the Kundapura) में हिजाब पहनी छात्राओं (Hijab-clad students) को कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. हालांकि, इन छात्राओं को अलग-अलग कक्षाओं में बैठने को कहा गया. ANI ने उडुपी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटी सिद्दलिंगप्पा के हवाले से कहा, 'कुंडापुरा में स्थिति नियंत्रण में है और हिजाब पहने हुए छात्राओं कॉलेजों और परिसर में आने दिया जा रहा है.'

दरअसल, उडुपी जिले में कुंडापुर के कई जूनियर कॉलेज में 'हिजाब-भगवा शॉल' विवाद सोमवार को भी जारी रहा और दो कॉलेज के छात्रों ने राज्य सरकार या संबंधित प्रबंधन द्वारा निर्धारित वर्दी को अनिवार्य करने वाले सरकारी आदेश की अवहेलना करने की कोशिश की. कुंडापुर के वेंकटरमण कॉलेज के छात्रों का एक समूह सोमवार को भगवा शॉल पहने जुलूस निकालते हुए परिसर पहुंचा. कॉलेज के प्राचार्य और वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया. छात्रों ने कहा कि यदि छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में आने की अनुमति दी जाएगी, तो वे भी शॉल पहनेंगे.

प्राचार्य ने उन्हें भरोसा दिलाया जिसके बाद छात्र शॉल हटा कर कॉलेज में जाने पर सहमत हुए. कुंडापुर के सरकारी पीयू कॉलेज में भी प्राचार्य ने हिजाब पहनकर आई मुस्लिम छात्राओं से बात की और उन्हें सरकार का आदेश समझाया, लेकिन छात्राओं ने कहा कि वह हिजाब पहने रहेंगी. इसके बाद उन्हें उनके लिए निर्धारित किए गए एक अलग कक्ष में जाने को कहा गया. बता दें कि राज्य भर में यह विवादास्पद मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुस्लिम लड़कियों का एक वर्ग कॉलेज में हिजाब पहनने पर अड़ा हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के लिए वर्दी को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया है.

कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में 'हिजाब' पहनने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने रविवार को कहा था कि समान वर्दी संहिता का पालन न करने वाली छात्राओं को अन्य विकल्प तलाशने की छूट है. नागेश ने मैसुरु में पत्रकारों से कहा था, 'जैसे सेना में नियमों का पालन किया जाता है, वैसा ही यहां (शैक्षणिक संस्थानों में) भी किया जाता है. उन लोगों के लिए विकल्प खुले हैं जो इसका पालन नहीं करना चाहते.' मंत्री ने छात्रों से राजनीतिक दलों के हाथों का 'हथियार' न बनने की अपील की थी. बोम्मई सरकार ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करते हुए उन कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया था जो राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में शांति, सौहार्द्र और कानून एवं व्यवस्था को बाधित करते हो.



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