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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
रांची: झारखंड में एक बार सियासी पारा गरम हो सकती है. महागठबंधन सरकार में शामिल विधायकों की आज बैठक बुलाई गई थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में छह विधायक नहीं पहुंचे हैं. बैठक से गायब रहने वालों में कांग्रेस के विधायक भी शामिल हैं.
यूपीए विधायक दल की बैठक में 6 विधायक नहीं पहुंचे हैं. कांग्रेस से भूषण बाड़ा, पूर्णिमा नीरज सिंह, ममता देवी बैठक में नहीं पहुंचीं, जबकि झामुमो के सरफराज अहमद, चमरा लिंडा, बसंत सोरेन अभी नहीं पहुंचे हैं. समीर मोहंती और दीपक बिरुआ देर से मीटिंग में पहुंचे हैं.
बताया जा रहा है कि रांची में काफी तेज बारिश हो रही है. इसी वजह से इन विधायकों ने मीटिंग में शामिल होने के लिए बहाना बनाया है, लेकिन सीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में विधायकों का न पहुंचना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. कांग्रेस ने तो अपने विधायकों को पहले ही रांची में रहने के निर्देश जारी कर दिए थे.
दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पद पर रहते हुए अपने नाम से माइनिंग लीज आवंटित करवाई थी. इस मामले में निर्वाचन आयोग में सुनवाई पूरी हो चुकी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी सोरेन के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) पर फैसला सुरक्षित रख कर लिया है. इस पर कभी भी फैसला आ सकता है. अगर फैसला हेमंत सोरेन के पक्ष में नहीं आया तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.
यहां कांग्रेस के पास फिलहाल 18 विधायक हैं, जिनमें 3 जेल में हैं यानि 15 विधायक हैं. इसके अलावा जेएमएम के पास 30, राजद के पास 1, सीपीआईएमएल के पास 1, एनसीपी के पास 1 और सरयू राय भी सरकार के समर्थन में हैं. यानी कुल 81 में से फिलहाल 52 सरकार के पाले में हैं, जबकि 26 विधायक बीजेपी के हैं, जिनमें 1 बीमार हैं. वहीं 2 आजसू के पास हैं. अमित मंडल निर्दलीय भी बीजेपी के पाले में हैं यानी 29 विधायक विपक्ष में हैं.
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