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बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खबर...सरकार ने 503 पदों पर निकाली सीधी भर्ती...जल्दी करें आवेदन

Admin2
29 Jan 2021 7:58 AM GMT
बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खबर...सरकार ने 503 पदों पर निकाली सीधी भर्ती...जल्दी करें आवेदन
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प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी खबर आई है. राज्य सरकार ने सरस डेयरी में भर्तियों का पिटारा खोल दिया है. प्रदेशभर की सरस डेयरियों में 503 पदों पर जल्द ही सीधी भर्ती की जायेगी. इसके लिये सहकारी भर्ती बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी कर दी है. सरस डेयरी में लगभग 3 दशकों के बाद भर्तियों की राह खुली है. वर्ष 2017 में डेयरी में भर्ती की घोषणा की गई थी. लेकिन सहकारी भर्ती बोर्ड और डेयरियों के विवाद में वह अटक गई थी. अब उसका रास्ता साफ हो गया है.

दरअसल जब वर्ष 2017 में ये भर्ती निकाली गई थी तब डेयरी इसे अपने स्तर पर करवाना चाहती थी. लेकिन सहकारी भर्ती बोर्ड ने इसकी अनुमति नहीं दी. इससे भर्ती प्रक्रिया अटक गई थी. अब लंबे समय बाद भर्ती का रास्ता खुला है. उस समय राज्य सरकार ने करीब 1700 पदों के लिए भर्ती की घोषणा की थी. लेकिन अभी केवल 503 पदों के लिए भर्ती की मंजूरी दी गई है. जनरल मैनेजर के चार , डिप्टी मैनेजर के 27, असिस्टेंट मैनेजर के 96, असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर के 1, असिस्टेंट डेयरी केमिस्ट के 10, ब्वॉयलर ऑपरेटर प्रथम के 9, बॉयलर ऑपरेटर द्वितीय के 22, जूनियर इंजीनियर के 1 और लैब असिस्टेंट के 46 पदों पर भर्ती की जायेगी. वहीं इसके साथ ही डेयरी टेक्निशियन के 31, इलेक्ट्रिशियन के 23, स्टोर सुपरवाइजर के 48, ऑपरेटर के 77, लाईवस्टोक सुपरवाइजर के 7, रेफ्रिजरेशन ऑफिसर के 20, फिटर के 15, वेल्डर के 6, हेल्पर के 27, डेयरी सुपरवाइजर तृतीय के 13 और डेयरी सुपरवाइजर के 20 पदों पर सीधी भर्ती की जायेगी.

उल्लेखनीय है कि डेयरियों में लंबे समय से नई भर्ती नहीं होने से अधिकारियों-कर्मचारियों का टोटा बना हुआ था. बहुत से अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गये, लेकिन उनके स्थान पर नये कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई. इससे डेयरियों में काफी कम स्टाफ रह गया था. हालात ये हो गये कि स्वीकृत पद संख्या के मुकाबले आधे कर्मचारी ही रह गये थे. जबकि काम का दबाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. कर्मचारियों की कमी के कारण वर्तमान स्टाफ पर तकरीबन 4 गुना ज्यादा काम का भार है. डेयरियां अतिरिक्त कार्यभार और ठेका कर्मचारियों के भरोसे चल रही थी. इससे जहां कामकाज हो रहा प्रभावित हो रहा था वहीं दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बढ़ गया था.

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