बाइक चालकों के लिए बड़ी खबर, सफर के दौरान 4 साल तक के बच्चे को पहनाना होगा क्रैश हैलमेट
अगर आप बच्चों को आगे या पीछे बैठाकर मोटरसाइकिल चलाते हैं तो ये खबर आपके लिए है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बच्चों की सुरक्षा के लिए नियमों में बदलाव (New Rules) किया है. दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने बच्चों को बाइक पर बैठाने के नियमों को पहले से अधिक सुरक्षित बनाया है. इससे पहले केंद्र सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहनों के डिजाइन और सभी के पीछे बैठने के नियमों में बदलाव कर दिया है. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, बाइक चलाने वाले को बच्चे को साथ में लेकर राइड पर जाने वाले लोगों को कुछ नए नियमों (Bike Ride Rules) का पालन करना होगा. इससे पहले मंत्रालय ने बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड को अनिवार्य किया था. हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सुरक्षा के लिए है. बाइक ड्राइवर के अचानक ब्रेक लगाने पर हैंड होल्ड सवारी के लिए काफी मददगार साबित होता है.
मंत्रालय ने पिछली बार किए बदलावों में बाइक के पीछे बैठने वाले के लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य किया गया था. इसके अलावा बाइक के पिछले पहिये के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा कवर करने की हिदायत दी थी ताकि पीछे बैठने वाले के कपड़े पहिये में ना उलझे. आइए जानते हैं कि अब नए नियमों को लेकर मंत्रालय ने क्या प्रस्ताव रखा है.
नए नियमों के लिए प्रस्ताव
– नए प्रस्ताव के मुताबिक, 4 साल तक के बच्चे को मोटरसाइकिल पर पीछे बैठाकर ले जाते समय बाइक, स्कूटर, स्कूटी जैसे दोपहिया वाहन की स्पीड लिमिट 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
– दोपहिया वाहन चालक पीछे बैठने वाले 9 महीने से 4 साल तक के बच्चे को क्रैश हैलमेट पहनाएगा.
– मोटरसाइकिल चालक यह सुनिश्चित करेगा कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने साथ बाइक या स्कूटर पर बांधे रखने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करेगा.
सेफ्टी हार्नेस बच्चों को पहनाई जाने वाली जैकेट होती है, जिसके साइज को एडजस्ट किया जा सकता है. ये बच्चे को राइडर से बांधे रखती है. सुरक्षा जैकेट से जुड़े फीते बच्चे को वाहन चालक के कंधों से जोड़े रखने का काम करते हैं. मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति और सुझाव भी मांगे हैं. बता दें कि कार में बच्चों की सुरक्षा के लिए चाइल्ड लॉक समेत कई फीचर्स दिए जाते हैं. इन फीचर्स के जरिये बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.