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जयपुर: राजस्थान से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने इस्तीफा देने की धमकी दी है। दिव्या मदेरणा ने कहा कि अगर गरीब को न्याय नहीं मिला तो वह सीएम गहलोत को इस्तीफा सौंप देंगी। इस्तीफा देने की बात सुनकर मौके पर मौजूद अधिकारियों के हालत पतली हो गई। दरअसल, ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन निजी अस्पताल के संचालक को बचा रहे हैं। उल्लेखनीय है दिव्या मदेरणा शनिवार को चिरंजीवी योजना के तहत मरीज के उपचार को लेकर धरने पर बैठी थीं। आरोप है कि योजना के तहर फ्री में इलाज होने के बावजूद मरीज को बिल थमा दिया। जिसके विरोध में दिव्या मदेरणा ने धरना दिया। महामंदिर स्थित निजी अस्पताल में शनिवार को चिंरजीवी योजना के तहत मरीज के उपचार को लेकर धरने पर बैठी गई।
जोधपुर कलेक्टर को लिया निशाने पर
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा लगातार जोधपुर जिला कलेक्टर की कार्यशैली को लेकर ट्वीट कर रही हैं। दिव्या मदेरणा का आरोप है कि सरकारी प्रावधानों को कलेक्टर की ओर से अनदेखा किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि मेरे नंबर पर निजी अस्पताल को लेकर कभी कोई शिकायत हो तो बताए. बीते 24 घंटे में ही दिव्या मदेरणा ने कई ट्वीट कर श्रीराम अस्पताल की ओर से चिंरजीवी योजना के मरीजों से राशि लिए जाने के खुलासे करते हुए दस्तावेज शेयर किए हैं। दिव्या ने आरोप लगाया था कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निजी अस्पताल संचालक को बचा रहे हैं. वे उनके सामने बाहर लेकर चले गए। दिव्या मदेरणा ने जमकर प्रशासन और पुलिस की विफलता गिनाई। मदेरणा ने कहा कि पुलिस के सहयोग से अस्पताल संचालक भाग गया। दिव्या मदेरणा का कहना है कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना है, आप लोगों की नहीं है। मदेरणा के तेवर देखने के बाद प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया है। लेकिन दिव्या मदेरणा की नाराजगी बरकरार है।
मरीज को बिल थमाने से उपजा विवाद
दिव्या मदेरणा ने ट्वीट किया- जोधपुर जिला कलेक्टर ने जब मेडिकल माफिया के आगे घुटने टिका दिए। मरीज के परिवार को अपने अपने कार्यालय से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और वहां से निकल गए तब धरना देना पड़ा। उल्लेखनीय है कि शनिवार को ओसियां क्षेत्र के रहने वाले एक 43 वर्षीय युवक को 7 सितंबर को हार्ट अटैक आया था। उसे परिजन उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए। लगभग मृत प्राय युवक के उपचार के लिए डॉक्टरों ने खर्च के रूप में तीन लाख बताए। इसको लेकर परिजनों ने सहमति दी। उपचार के बाद युवक के स्वास्थ्य में सुधार हो गया। अगले दिन परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि उपचार चिरंजीवी योजना के तहत किया जाए। आरोप लगाया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने ऐसा करने से मना कर दिया।
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