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बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में ग्राम पंचायत चिंचाला की बड़ी लापरवाही सामने आई है. गांव के ही 79 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम चौधरी, जो ताप्ती मिल में कार्यरत थे. उन्हें सर्वे सूची में मृत घोषित कर 10 माह से उनकी पेंशन बंद कर दी गई है. अब बुजुर्ग अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं. दरअसल, सरकार गरीबों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं तो चला रही है.
इसका बखान भी कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर का अमला और अफसरशाही इन योजनाओं को पलीता लगाने में कोई काट कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में सामने आया है. यहां ग्राम पंचायत चिंचाला के रहने वाले 79 वर्षीय राजाराम पिता शंकर चौधरी को ग्राम पंचायत चिंचाला ने सर्वे सूची में मृत घोषित कर दिया है. 10 माह से उनको वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल पा रही है, जो कि पूर्व में ताप्ती मिल में कार्य करते थे. अब वहां से रिटायर हैं. 79 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम, जब अपनी पेंशन के लिए ग्राम पंचायत चिंचाला पहुंचे तो उन्हें कहा गया, "आप की पेंशन किसी कारणवश रुकी होगी. आपके खाते में आ जाएगी."
10 महीने बीत जाने के बाद भी जब वृद्धावस्था पेंशन उनके खाते में नहीं पहुंची. तब बुजुर्ग अपने बेटे के साथ जनपद पंचायत पहुंचे, तो कंप्यूटर ऑपरेटर से उन्हें पता चला की सर्वे सूची में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. इसके बाद बुजुर्ग जनसुनवाई में गुहार लगाने के लिए पहुंचे. वहां से भी उन्हें पेंशन शीघ्र शुरू करने का आश्वासन ही मिला है.
79 वर्षीय बुजुर्ग राजाराम चौधरी के पुत्र प्रदीप चौधरी ने बताया, "मेरे पिताजी ठीक से चल भी नहीं पाते और बीमार भी रहते हैं, जिनकी दवाइयों का खर्चा भी आता है. ऐसे में पंचायत द्वारा सर्वे सूची में उन्हें मृत घोषित कर दिया, जबकि उन्होंने पिछले पंचायत चुनाव में मतदान भी किया है. इसके बावजूद हमें 10 माह से ग्राम पंचायत और सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, जबकि हमारे पास जीवित होने के सारे प्रमाण और दस्तावेज मौजूद हैं. अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है." साथ ही प्रदीप चौधरी ने बताया, "जब हम जनपद पंचायत पहुंचे, तो वहां कंप्यूटर ऑपरेटर से पता चला कि इन्हें सर्वे सूची में मृत घोषित कर दिया गया है. इनकी पेंशन शुरु है. अब इसकी शिकायत हमने कलेक्टर से की है."
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