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यूपी के शाहजहांपुर जिले में ऑपरेशन के दौरान एक प्रसूता के पेट में ही कपड़ा छोड़ देने के मामले की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने तीन सदस्य टीम बनायी है. पीड़िता की गंभीर हालत को देखते हुए उसे लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है जहां ऑपरेशन के बाद वह वेंटिलेटर पर है. राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य राजेश कुमार ने पीड़ित पक्ष की ओर से मिली शिकायत के हवाले से बताया कि तिलहर थानाक्षेत्र के रामापुर उत्तरी के मनोज की पत्नी नीलम ने छह जनवरी को यहां ऑपरेशन के दौरान एक बेटी का जन्म दिया था. इसी ऑपरेशन के दौरान नीलम के पेट में कथित रूप से कपड़ा छोड़ने का आरोप है. कुमार ने बताया कि मामला पुराना है लेकिन जैसे ही उन्हें शिकायत प्राप्त हुई तो इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्होंने जांच टीम बनायी जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी.
इसी बीच महिला के पति मनोज ने पत्रकारों को बताया कि बेटी के जन्म के बाद उसकी पत्नी के पेट में दर्द की शिकायत रहती थी. उन्होंने कई प्राइवेट डॉक्टरों से दवा ली लेकिन जब फायदा नहीं हुआ तो उन्हें 21 जुलाई को एक निजी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया, जहां सीटी स्कैन करने के बाद पता लगा कि नीलम के पेट में डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन के दौरान कपड़ा छोड़ दिया गया है. इसके बाद ऑपरेशन करके पीड़िता के पेट से कपड़ा निकाला गया.
पीड़िता नीलम के पिता राधेश्याम ने फोन पर लखनऊ से बताया कि उनकी बेटी लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती है जहां ऑपरेशन करने के बाद उसकी हालत गंभीर बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.