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गुरुग्राम: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) पंजाब चुनाव (Punjab Election) से पहले तीन सप्ताह (21 दिन) की फरलो पर जेल से बाहर है. रोहतक की सुनारिया जेल से राम रहीम को 7 फरवरी को फरलो पर छोड़ा गया. यहां से डेरा प्रमुख सीधे डेरा सच्चा सौदा के गुरुग्राम स्थित आश्रम पहुंचा. राम रहीम को फरलो तो मिल गई है, लेकिन जेल से बाहर होने के बाद भी वह अपनी मनमर्जी से कुछ नहीं कर सकता.
राम रहीम को न ही जनसभा करने की अनुमति है और न ही वह भक्तों का हुजुम लगाकर पहले की तरह सत्संग कर सकता है. शहर छोड़कर बाहर जाने के लिए भी डेरा प्रमुख को परमिशन की जरूरत होगी. आइए जानते हैं गुरुमीत राम रहीम को किन शर्तों पर 21 दिन की रिहाई मिली है.
जन सभा या जनता से जुड़े कार्यक्रम की अनुमति क्यों नहीं?
राम रहीम को मिली फरलो में शामिल शर्तों में ये शर्त प्रमुखता से जोड़ी गई है. इस शर्त को पंजाब में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. क्योंकि पंजाब की कई सीटों पर डेरा सियासी महत्व रखता है. कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जिनमें डेरा समर्थकों के वोट हार-जीत का कारण भी बन सकते हैं. ऐसे में गुरमीत राम रहीम अगर जन सभा के दौरान अपने समर्थकों से किसी पार्टी को समर्थन देने की अपील कर देता तो इससे विवाद की स्थिति बन सकती थी.
गुरुग्राम से बाहर जाने पर लेनी होगी इजाजत
गुरुमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो के दौरान गुरुग्राम से बाहर जाने के लिए जिले के डिप्टी कमिश्नर या पुलिस उपायुक्त की इजाजत लेनी होगी. अपने विवेक के मुताबिक अधिकारी चाहे तो राम रहीम को अनुमति देने से इनकार भी कर सकता है.
जेल प्रशासन के पास मिलने वालों की लिस्ट
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की फरलो में चुनिंदा लोगों से ही मिलने की इजाजत है. राम रहीम को जिन लोगों से मुलाकात करनी है, उसकी लिस्ट जेल प्रशासन के पास पहले से मौजूद है. इस लिस्ट में राम रहीम के परिवार के अलावा हनीप्रीत का नाम भी शामिल है. फरलो मिलने के बाद से लेकर अब तक का समय राम रहीम ने इन लोगों के साथ ही बिताया है.
क्या है फरलो का नियम?
हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत चौटाला ने पंजाब चुनाव और राम रहीम को फरलो मिलने के समय को महज एक संयोग बताया है. उन्होंने कहा कि कोई भी कैदी जब जेल में 3 साल का समय पूरा कर लेता है तो वह फरलो का पात्र हो जाता है. राम रहीम को भी आम कैदी की तरह फरलो मिली है. बता दें कि फरलो सजायाफ्ता कैदी के लिए छुट्टी की तरह होती है. इसमें एक निर्धारित अवधि के लिए कैदी को उसके घर जाने दिया जाता है.
2017 में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई थी सजा
गुरमीत राम रहीम को अगस्त 2017 में सीबीआई की विशेष अदालत ने साध्वी से रेप और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई थी. गुरमीत राम रहीम को पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
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