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फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 1 को दबोचा गया

jantaserishta.com
17 Jan 2022 10:51 AM GMT
फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने वाले बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 1 को दबोचा गया
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जानिए पूरा मामला।

रांची: रांची पुलिस ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है जिसके तार बांग्लादेश नेपाल और भूटान से जुड़ते हुए दिख रहे हैं। गिरोह के एक जालसाज को रांची पुलिस ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से गिरफ्तार किया है। सिटी एसपी गौरव ने बताया है कि उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार मेराज अंसारी ने जालसाजी गिरोह के बारे में बहुत सारी जानकारियां दी है सिटी एसपी के बयान के मुताबिक मिराज ने इस फर्जीवाड़े में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए कई अन्य लोगों के नाम भी बताए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है। ये जाली बर्थ सर्टिफिकेट रांची सदर अस्पताल से बनाए गए थे।

दरअसल, सितंबर 2021 में रांची के लोअर बाजार थाने में रांची सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट के द्वारा एक एफ आई आर दर्ज कराई गई थी शिकायत की गई थी कि सदर अस्पताल के आईडी को हैक करके फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। जांच में पाया गया कि सितंबर महीने में 2 दिनों के भीतर 35 ऐसे बर्थ सर्टिफिकेट बना दिए गए जिनका सदर अस्पताल से कोई ताल्लुक नहीं है। स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की जांच में पता चला कि सदर अस्पताल का आईडी हैक कर लिया गया है और उसी के जरिए यहां से सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। अस्पताल के स्तर से सर्टिफिकेट पर दर्ज पते का वेरिफिकेशन कराया गया तो वे पते फर्जी पाए गए
सिटी एसपी गौरव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कांड की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई थी। टीम में सदर एसडीपीओ, साइबर सेल के डीएसपी और लोअर बाजार थानेदार संजय कुमार के साथ अन्य कई पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया था। इस कांड की तफ्तीश वैज्ञानिक तरीके से की जा रही थी। जांच के दौरान पता चला कि सर्टिफिकेट के ऑनलाइन अप्लाई करने में जिस आईडी का इस्तेमाल किया गया है उसका ताल्लुक उत्तर प्रदेश के देवरिया से है। जानकारी पुख्ता होने के बाद पुलिस की टीम देवरिया गई और उस टीम ने छानबीन करते हुए कुशीनगर से मेराज अंसारी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में मेराज अंसारी ने इस कांड में संलिप्त था स्वीकार किया है। तथा उन लोगों के बारे में भी जानकारी दी है जिसने उसे सदर अस्पताल रांची का आईडी उपलब्ध कराया था। सिटी एसपी ने कहा है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारी हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जो जाली सर्टिफिकेट बनाए गए उसका कनेक्शन नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से हो सकता है। रांची पुलिस इसे देखते हुए नेपाल में भी अपने सूत्रों के जरिए छानबीन कर रही है। सदर अस्पताल से बनाए गए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र में कुछ पाकुड़ और गोड्डा के भी हैं जो बांग्लादेश की सीमा से जुड़े हुए हैं। पुलिस बांग्लादेश के तराई इलाकों पर भी नजर बनाए हुए हैं। रांची पुलिस उन 35 लोगो तक पहुंचने की कार्रवाई में जुट गई है जिनके सर्टिफिकेट रांची सदर अस्पताल से मनाए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं बर्थ सर्टिफिकेट के सहारे कुछ विदेशी ताकतें देश की नागरिकता हासिल करना चाहते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है लेकिन पुलिस इस बिंदु पर भी छानबीन कर रही है।
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