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बड़ा खुलासा: रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर सामने आई ये बात, मचा हड़कंप
jantaserishta.com
22 Aug 2022 2:28 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
अलीगढ़: एटीएस लखनऊ यूनिट की पड़ताल में रोहिंग्या मुसलमानों के संबंध में बड़ा खुलासा हुआ है। फर्जी प्रपत्रों के आधार पर रोहिंग्या पहचान पत्र बनवाकर भारतीय मतदाता बन चुके हैं। एक साल पूर्व अलीगढ़ से पकड़े गए रोहिंग्या के पास मतदाता पहचान पत्र मिलने की जानकारी सामने आने पर अब उसे निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एटीएस अब प्रदेश भर में बसे रोहिंग्याओं का रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है।
2021 में पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते ने मानव तस्करी के मामले में नोएडा, अलीगढ़ से रोहिंग्या की गिरफ्तारियां की थीं। म्यांमार से रोहिंग्याओं को बांग्लादेशियों की सीमा से लाने और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त गिरोह के संबंध में एटीएस को इनपुट मिला था। इसके बाद एटीएस ने 28 फरवरी 2021 को फारूख को नोएडा के परी चौक से गिरफ्तार किया था।
फारूख अलीगढ़ के मकदूम नगर में रह रहा था। पूछताछ में पता चला कि उसका असली नाम हसन अहमद पुत्र नूर अहमद है। वह म्यांमार के आकियाब जिले के मगरू थाना क्षेत्र स्थित तमचन गांव का रहने वाला है।
भाषा के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के फ्लैटों में स्थानांतरित करने के किसी भी कदम से बुधवार को इनकार किया और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ''अवैध विदेशियों'' को उनके देश वापस भेजे जाने तक निरुद्ध केंद्रों में रखा जाए।
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