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संसदीय समिति की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, तीनों सेनाओं में जवानों की कमी, पढ़े बड़ी बातें

jantaserishta.com
17 March 2022 12:24 PM GMT
संसदीय समिति की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, तीनों सेनाओं में जवानों की कमी, पढ़े बड़ी बातें
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नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच वायुसेना के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात सामने आई है. रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होनी चाहिए, लेकिन इससे कम हैं. ये रिपोर्ट बुधवार को ही लोकसभा में पेश की गई है. इस रिपोर्ट में तीनों सेनाओं में जवानों और अफसरों की कमी की भी बात है.

क्या कमजोर हो रही है वायुसेना?
- समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के पास 42 स्क्वाड्रन होनी चाहिए, लेकिन अभी इससे भी कम हैं. आने वाले सालों में पुराने विमान भी रिटायर हो जाएंगे, जिससे स्क्वाड्रन और कम हो जाएंगी.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि वायुसेना के पास 2,050 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें मुख्य रूप से AN-32 और एब्रो शामिल हैं. दोनों जहाजों की संख्या लगातार कम हो रही है और 2032 तक एब्रो पूरी तरह खत्म हो जाएंगे.
- वायुसेना के पास अभी करीब 500 हेलीकॉप्टर्स हैं. ये Mi-17 हेलीकॉप्टर हैं. ये भी 2032 तक खत्म हो जाएंगे. इसके अलावा Chetak, Cheetah और Cheetal विमान भी 2032 तक खत्म हो जाएंगे.
वायुसेना की क्या है तैयारी?
- संसदीय समिति को वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना अगले कुछ सालों में पूरी तरह स्वदेशी हथियारों पर ही निर्भर रहेगी. वायुसेना ने 83 LCA MK-1 की डील की है, जिसकी डिलिवरी 2024 से शुरू होगी. LCA MK-1 से 4 स्क्वाड्रन बनेंगी और ये विमान MiG 21 और MiG 27 को रिप्लेस करेंगे.
- इसके साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ LCH और LUH हेलीकॉप्टर खरीद को लेकर भी बात चल रही है. इनके अलावा C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की डील भी हो चुकी है.
- मिसाइलों के लिए सरफेस टू एयर वेपन में Brahmos, MRSAM और एयर टू एयर में Astra और सरफेस टू एयर मिसाइल में Akash को भी स्वदेशी तकनीक से बनाया जाएगा. स्वदेशी तकनीक से बने रडार भी वायुसेना में शामिल होंगे, जिसमें असलेसा, रोहिणी, SRI और PR शामिल है.
तीनों सेनाओं में अफसरों-जवानों की भी कमी
- सेनाः 1 जनवरी 2022 की स्थिति के मुताबिक, सेना में कुल 12 लाख 12 हजार जवान मौजूद हैं. अभी भी 81 हजार जवानों की कमी है. यानी, जितनी जरूरत है उस हिसाब से जवानों की संख्या 6.7% कम है.
- वायुसेनाः 12 हजार 714 अफसर और 1.47 लाख एयरमैन होने चाहिए, लेकिन अभी 12,142 अफसर और 1.37 लाख एयरमैन हैं. इस हिसाब से अफसरों के 572 और एयरमैन के 6 हजार 224 पद खाली हैं.
- नेवीः अफसरों के 11 हजार 726 पद हैं, जिनमें से 10 हजार 169 भरे हैं. इसी तरह 75 हजार 409 पद नाविकों के हैं, जिनमें से 63 हजार 700 भरे हैं. इस हिसाब से अफसरों के 1 हजार 557 और नाविकों के 11 हजार 709 पद खाली हैं.
हथियार खरीद के बजट में कटौती
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सरकार ने सेनाओं की रक्षा हथियारों की खरीद के बजट में भी कटौती की है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022-23 में तीनों के लिए कैपिटल हेड के तहत 2.15 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन इसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये का ही आवंटन हुआ. लिहाजा 63 हजार करोड़ रुपये की कटौती हो गई.
कमेटी ने बताया है कि थल सेना ने 46,844 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन उसे 32,115 करोड़ रुपये मिले. वायुसेना ने 85,323 करोड़ रुपये मांगे थे, जिसकी बजाय उसे 56,852 करोड़ रुपये मिले. इसी तरह नौसेना ने 67,623 करोड़ रुपये की मांग की थी और उसे 47,591 करोड़ दिए गए.



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