भारत
IED मामले में बड़ा खुलासा: पहले दो ने कमरा किराए पर लिया, फिर 2 और आ गए, पाकिस्तानी कनेक्शन का शक
jantaserishta.com
18 Feb 2022 6:46 AM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली के सीमापुरी में एक घर से मिले इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने जो IED बरामद किया है, वह मिलिट्री ग्रेड IED है. इसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी खदानों में विस्फोट करने के लिए होता है और इसे राज्य की अनुमति के बाद ही मुहैया कराया जा सकता है. वहीं, NSG और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जब इस IED को एक पार्क में डिफ्यूज किया तो जोरदार आवाज आई.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि शुरुआती फॉरेंसिक जांच में IED में मिलिट्री ग्रेड RDX का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को बरामद किया गया IED परिष्कृत (sophisticated) है. इसका उपयोग करने की अनुमति केवल राज्य को है.
दिल्ली पुलिस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि ये विस्फोटक देश में कैसे लाया गया. अधिकारियों को संदेह है कि IED को सीमा पार से राजस्थान, कश्मीर या पंजाब के रास्ते चुपचाप भारत लाया गया होगा.
17 जनवरी गाज़ीपुर से एक IED रिकवर हुई थी, जिसके बाद जांच में हमें कुछ तथ्य मिले कि इसी तरह की IED सीमापुरी विस्तार में किसी कमरे में है। जिसके तहत कल IED को रिकवर किया गया। इस तरह की IED पब्लिक प्लेस में ब्लास्ट के लिए तैयार की गई है: दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना, दिल्ली pic.twitter.com/jpNYU9inCA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2022
ना वेरिफिकेशन करवाया, ना पहचान पत्र लिए
बता दें कि दिल्ली के सीमापुरी इलाके में एक खाली घर से IED बरामद किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल घर में रहने वालों किराएदारों को ढूंढने की कोशिश कर रही है. घर के मालिक हाशिम ने 2 महीने पहले प्रॉपर्टी डीलर शमीम उर्फ शानू के जरिए दूसरी मंजिल 2 लोगों को किराए पर दी थी. दोनों ने किराएदारों का वेरिफिकेशन भी नहीं किया था और न ही उनसे कोई पहचान पत्र लिया था. पुलिस मकान मालिक और प्रॉपर्टी डीलर दोनों से पूछताछ कर रही है. मकान मालिक और प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है.
गाजीपुर से भी बरामद हो चुका है RDX
इससे पहले जनवरी में गाजीपुर फ्लावर मार्केट से मिलिट्री ग्रेड RDX बरामद किया गया था. ऐसे विस्फोटक आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं. आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए आरडीएक्स की मदद से बम बनाए जाते रहे हैं.
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