बड़ा फैसला: शादी समारोह की होगी वीडियोग्राफी, 100 से ज्यादा मिले मेहमान तो मिलेगी ये सजा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित प्रदेश के 8 जिला मुख्यालयों में रात्रिकालीन कपर्यू लगाने का निर्णय राज्य सरकार ने जीवन की रक्षा करने के महत्वपूर्ण उददेश्य से किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि संबंधित जिला कलक्टरों, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू, शादी-ब्याह में अधिकतम 100 लोगों की मौजूदगी, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जैसे निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जबकि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, विवाह समारोहों में अनुमति सीमा से अधिक संख्या में लोगों का जुटना संक्रमण को बढ़ा रहा है. गहलोत ने इन आयोजनों में 100 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर लगने वाली जुर्माना राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा है कि आयोजकों द्वारा विवाह- समारोह की वीडियोग्राफी करने को अनिवार्य किया जाए. साथ ही अधिक लोगों के एकत्र होने की सूचना या अंदेशा होने पर पुलिस एवं प्रशासन भी शादी समारोह की वीडियोग्राफी कराए.
सीएम ने कहा कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी बाजारों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि वहां कोरोना प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालन हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क न लगाने पर भी जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 की गई है. जुर्माना राशि बढ़ाने तथा वीडियोग्राफी के इन निर्णयों के पीछे सरकार का मकसद राशि वसूलना या समारोह में व्यवधान डालना नहीं बल्कि भीड़ के एकत्र होने एवं मास्क न पहनने के कारण फैलने वाले कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है.
सीएम गहलोत ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोरोना रोगियों के उपचार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. ये अधिकारी मरीजों, अस्पतालों तथा राज्य सरकार के बीच सेतु का काम करें साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान कोई परेशानी न हो. गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जन आन्दोलन को और अधिक प्रभावी बनाने तथा 181 हेल्पलाइन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए.