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केन्द्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, यूनियन टैरीटरी के अधिकारियों की जम्मू कश्मीर में तैनाती को दी हरी झंडी

Nilmani Pal
20 Jan 2022 8:43 AM GMT
केन्द्रीय गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, यूनियन टैरीटरी के अधिकारियों की जम्मू कश्मीर में तैनाती को दी हरी झंडी
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दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने यूनियन टैरीटरी (आईएएस और आईपीएस) के अधिकारियों की जम्मू कश्मीर में तैनाती को हरी झंडी दे दी है और इस बाबत अधिकारिक आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश के तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख को हार्ड पोस्टिंग मानते हुए वहां दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के अधिकारियों को भेजा जायेगा. साथ ही जम्मू कश्मीर काडर के अधिकारियों की दिल्ली में पोस्टिग होगी.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव राकेश कुमार सिंह द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के यूनियन टैरीटरी बनने के बाद इन सभी का संयुक्त कैडर 2016 बना दिया गया है. इस आदेश के बाद अब जम्मू कश्मीर काडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी यूनियन टैरीटरी कैडर का अधिकारी माना जायेगा. अभी तक यूनियन टैरीटरी कैडर में दिल्ली के आईएएस औऱ आईपीएस अधिकारियों को ही माना जाता था, हालांकि उनके साथ गोवा. मिजोरम. अरूणाचल प्रदेश आदि के प्रोन्नत अधिकारियों की दिल्ली में तैनाती की जाती थी.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, जम्मू कश्मीर और लद्दाख को हार्ड पोस्टिंग के तहत रखा गया है. इसके साथ ही मंत्रालय ने दो कैटेगरी भी बना दी हैं, जिनमें कैटेगरी ए के तहत रेगुलर एरिया के तहत आने वाले केद्र शासित प्रदेशों को रखा गया है. इस कैटेगरी में दिल्ली, चंडीगढ, गोवा, पुडूचेरी, दादरा नागर हवेली औऱ दमन दीयू को शामिल किया गया है, जबकि कैटेगरी बी में हार्ड एरिया पोस्टिंग वाले राज्यों को रखा गया है. इनमें अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप और अब उसके साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख को भी जोड़ दिया गया है.

यूनियन टैरीटेरी के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को अपनी पूरी नौकरी के दौरान कम से कम तीन बार हार्ड एरिया इलाके में पोस्टिंग काटनी होती है, जो एक बार में दो से तीन साल की होती है. इसके साथ ही अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख के अधिकारियों को भी दिल्ली में पोस्टिग मिल सकेगी. केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय है, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को दिल्ली में अधिकृत तौर पर पोस्टिंग मिलेगी और उन्हे जिला उपायुक्त से लेकर मुख्य सचिव तक बनने का मौका मिलेगा.


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