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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी के दौर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की सक्रियता बढ़ाने की तैयारी है। केंद्र सरकार उस प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसमें LAC पर ITBP को और अधिक सक्रिय भूमिका देने की बात कही गई है। भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बीच भविष्य में किसी भी तनाव से बचने के मकसद से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ITBP को फॉरवर्ड एरिया और LAC से लगे पूर्वी सेक्टर में लीड रोल देने पर विचार किया जा रहा है। सीनियर अधिकारी ने बताया, 'सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद चीन की सीमा रक्षा रेजिमेंट और आईटीबीपी के बीच फॉर्मल चैनल स्थापित किया जाएगा, जिसे लेकर बीजिंग को प्रस्ताव भेजा जा सकता है।'
भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। सरकार की 'वन बॉर्डर वन फोर्स' की सिफारिशों के बाद ITBP को 2004 में भारत-चीन सीमा सौंप दी गई। साथ ही इसने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स की जगह ले ली। हालांकि, सेना बेहतर सीमा प्रबंधन का हवाला देते हुए आईटीबीपी के संचालन नियंत्रण का समर्थन करती है, जिसका केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विरोध किया।
फिलहाल ITBP की 180 बॉर्डर आउटपोस्ट हैं, जिनमें से प्रत्येक पर लगभग 140 सैनिक तैनात हैं। केंद्र ने 2020 में अतिरिक्त 47 सीमा चौकियों को मंजूरी दी, जिनमें से 34 अरुणाचल प्रदेश के लिए और बाकी पश्चिमी थिएटर के लिए हैं। सीमा पर बार-बार होने वाली झड़पों से सरकार निगरानी बढ़ाने और समान उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रेरित हुई है। ध्यान रहे कि एलएसी पर चीनी बलों की तैनाती 50,000 से अधिक होने का अनुमान है।
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