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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिश्वत का पैसा लौटा देने पर राहत नहीं दे सकते.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती घोटाले में तमिलनाडु के DMK के विधायक सेंथिल बालाजी पर दर्ज आपराधिक केस को रद्द करने वाले मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है. दरअसल, सैंथिल बालाजी और अन्य लोगों पर नौकरी के इच्छुक लोगों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपराधिक शिकायत को बहाल किया जाना चाहिए.
जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश मद्रास HC के आदेश को रद्द करने की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिकाओं में आया है. सेंथिल बालाजी फिलहाल तमिलनाडु की डीएमके सरकार में बिजली मंत्री हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने बालाजी के खिलाफ आपराधिक केस रद्द करने का आदेश दिया था. साथ ही कहा था कि शिकायतकर्ताओं ने सुलह कर ली थी. ये मामला 2011 से 2015 का है जब बालाजी परिवहन मंत्री थे.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि रिश्वत का पैसा लौटा देने पर राहत नहीं दे सकते. साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने SIT के गठन की प्रार्थना पर कोई आदेश पारित नहीं किया है. कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि राज्य खुद ही जरूरी काम करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने अपीलकर्ता के पक्ष में सभी जवाबों का जवाब दिया है.
जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट का आदेश अस्थिर है. लिहाजा आपराधिक शिकायत बहाल की जाती है. वहीं, मद्रास हाईकोर्ट ने केस रद्द कर दिया था. साथ ही कहा था कि शिकायतकर्ता और भर्ती घोटाले के 13 कथित पीड़ित समझौता कर चुके हैं और बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है.
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