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कलकत्ता HC का बड़ा फैसला, मृत BJP कार्यकर्ता का DNA टेस्ट का दिया आदेश, NHRC ने सौंपी रिपोर्ट
Deepa Sahu
13 July 2021 9:20 AM GMT
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बंगाल में चुनावी हिंसा (Bengal Violence) में मारे गए मामले में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने बड़ा आदेश सुनाया है.
बंगाल में चुनावी हिंसा (Bengal Violence) में मारे गए मामले में गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने बड़ा आदेश सुनाया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने मृत बीजेपी कार्यकर्ता (Dead BJP Worker) के डीएनए (DNA) जांच का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय की एक बृहत्तर पीठ ने मंगलवार को कोलकाता के कमांड अस्पताल को दिवंगत बीजेपी कार्यकर्ता अभिजीत सरकार का डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया. दूसरी ओर, चुनावी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम ने अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश की.
बता दें कि कुछ दिनों पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक बड़ी पीठ ने चुनाव के बाद की हिंसा के मामले में अभिजीत सरकार के पार्थिव शरीर का दूसरी बार पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया था. अब आज मंगलवार को डीएनए जांच के आदेश दिए गए.
कमांड अस्पताल को दिया परिजनों के डीएनए टेस्ट कराने का आदेश
बता दें कि कमांड अस्पताल के मुर्दाघर में बहुत कम जगह है. नतीजतन अस्पताल के अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि पार्थिव शरीर को वहां बहुत दिनों तक रखने में समस्या हो रही है. अदालत की बृहत्तर पीठ ने निर्देश दिया कि मारे गए अभिजीत के भाई बिस्वजीत सरकार के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया जाए. सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) अगले सात दिनों के भीतर कोर्ट को रिपोर्ट भेजेगी.
2 मई को बीजेपी कार्यकर्ता की कर दी गई थी हत्या
बता दें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दिन 2 मई को कांकुरगाछी के शीतलतला लेन निवासी अभिजीत सरकार का शव बरामद हुआ था. परिवार ने शुरू से ही शिकायत की थी कि यह हत्या नहीं, बल्कि राजनीतिक हिंसा का मामला है. बीजेपी का आरोप है कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद तृणमूल कांग्रेस बदमाशों ने अभिजीत को पीटा. अभिजीत की गला दबाकर हत्या कर दी गई. वार्ड 30 में बीजेपी बूथ कार्यकर्ता अभिजीत भाजपा की ट्रेड यूनियन के नेता थे. तब अभिजीत सरकार के भाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस मामले की आज सुनवाई हुई. चुनाव बाद हिंसा मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
NHRC ने अदालत को सौंपी अंतिम रिपोर्ट
इसके अलावा, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, जो इतने लंबे समय से विभिन्न स्थानों पर चुनाव के बाद की हिंसा की स्थिति की निगरानी कर रहा है, ने मंगलवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट अदालत को सौंप दी. अदालत ने निर्देश दिया कि रिपोर्ट राज्य सरकार के साथ-साथ सभी वकीलों के लिए उपलब्ध होंगे.
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