दिल्ली में कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) बीमारी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ब्लैक फंगस के खतरे को देखते हुए इस बीमारी को महामारी यानी एपिडेमिक घोषित कर दिया गया है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस बाबत औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. बता दें कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. शुक्रवार (21 मई) को दिल्ली में करीब 200 ब्लैक फंगस के मामले थे, जबकि बुधवार 26 मई को इनकी संख्या बढ़कर 620 हो चुकी है. ब्लैक फंगस कितनी तेजी से दिल्ली में फैल रहा है, इन आंकड़ों से साफ पता चलता है.
उधर, ब्लैक फंगस के बीच अब व्हाइट फंगस के मामले ने चिंता बढ़ा दी है. राजधानी दिल्ली में व्हाइट फंगस का एक मामला सामने आया है, जिसमें फंगस के कारण महिला की आंतों में छेद हो गए. व्हाइट फंगस से शरीर को पहुंचे इस तरह के नुकसान का ये दुनिया में पहला केस बताया जा रहा है. दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल ने इस मामले की जानकारी दी है. अस्पताल के मुताबिक, 49 साल की ये महिला कैंसर से पीड़ित थी और कुछ वक्त पहले ही उसकी कीमोथेरेपी भी हुई थी. वहीं ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले Amphotericin B इंजेक्शन की दिल्ली में भारी किल्लत बताई गई है. बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से इंजेक्शन की बेहद कम डोज मिलने का जिक्र किया था. उन्होंने 'आजतक' से कहा है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए सेंटर बना लिए गए हैं. LNJP, GTB और राजीव गांधी अस्पताल में सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन दवाई नहीं है. केंद्र सरकार अलग-अलग राज्यों को इंजेक्शन देती है लेकिन दवाई की मार्केट में बहुत कमी है. दवाई के प्रोडक्शन को बढ़ाने की जरूरत है.
गौरतलब है कि इस वक्त देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, हालांकि इसका असर कुछ कम हुआ है. लेकिन व्हाइट फंगस और ब्लैक फंगस के मामलों मे चिंता बढ़ा दी है. कई राज्य सरकारों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया है.