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जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला, ब्लैक फंगस और कोविड से जुड़ी राहत सामग्री पर नहीं देना होगा टैक्स

Admin2
28 May 2021 3:43 PM GMT
जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला, ब्लैक फंगस और कोविड से जुड़ी राहत सामग्री पर नहीं देना होगा टैक्स
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 43वीं बैठक हुई. लगभग 7 महीने के अंतराल पर हुई इस बैठक में कोविड और ब्लैक फंगस की चुनौती को देखते हुए कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक के बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर काउंसिल के निर्णयों की जानकारी दी.

कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर कर छूट 31 अगस्त तक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड-19 के उपचार और प्रबंधन में आवश्यक महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में जीएसटी परिषद ने शुक्रवार को कोविड से संबंधित उपकरणों के आयात पर जीएसटी छूट को 31 अगस्त 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है. वित्त मंत्री ने कहा, 'कोविड से संबंधित उपकरणों का मुद्दा बैठक का मुख्य एजेंडा रहा और इस पर विस्तृत चर्चा हुई. हालांकि बैठक में कई और मुद्दों को उठाया गया और चर्चा की गई.'

ब्लैक फंगस की दवा पर भी टैक्स छूट

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए, काउंसिल ने इसके इलाज में काम आने वाली दवा एंपोटेरिसिन-बी को भी जीएसटी से छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में शामिल किया है. वहीं कोविड राहत सामग्रियों के आयात पर IGST छूट को भी 31 अगस्त 2021 तक बढ़ा दिया है.

बैठक के 7 महीने बाद होने पर बोली वित्त मंत्री

जीएसटी परिषद की आखिरी बैठक अक्टूबर में हुई थी. उसके बाद इसे नियमित तौर पर फरवरी में होना था लेकिन उस समय बजट सत्र था. उसी समय देश के कुछ राज्यों में चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू हो गई. इसलिए उस समय इसकी नियमित बैठक नहीं हो सकी. राज्यों की नई सरकारों के गठन के बाद जीएसटी परिषद की अब ये बैठक हुई है. वहीं, GST काउंसिल की मीटिंग को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बैठक में कोविड-वैक्सीन, ऑक्सिजन सिलेंडर, कन्सेंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट, सैनेटाइज़र, मास्क, टेस्टिंग किट आदि को टैक्स-फ़्री करने का प्रस्ताव रखा. पंजाब, बंगाल, केरल आदि कई राज्यों ने भी यही प्रस्ताव रखा. लेकिन BJP के कई वित्तमंत्रियों ने इसका जमकर विरोध किया.

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