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मुख्य सरगना की तलाश जारी
नवादा। बिहार की नवादा पुलिस को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है. नवादा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गांजा तस्करी में लिप्त 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. 237 किलो गांजा सहित एक ट्रक, एक क्रेटा कार, 20 हजार रुपये कैश, 2 मोबाइल फोन की बरामदगी की है. गिरफ्तार सभी तस्करों को आवश्यक पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. गिरफ्तार तस्करों में दो सहोदर भाई भी शामिल हैं.
नवादा पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 23 और 24 अप्रैल की रात नगर थाना की पुलिस को सूचना मिली कि एक ट्रक से गांजा की बड़ी खेप नवादा के रास्ते गया ले जाया जा रहा है. सूचना के अलोक में नगर थाना की पुलिस ने नगर के शोभिया कृषि फार्म के पास से एक ट्रक को जब्त किया. गिट्टी लदे ट्रक की तलाशी में पुलिस को चालक के सीट के पीछे बने तहखाना से एक-एक किलो के 61 पैकेट में कुल 61 किलोग्राम गांजा मिला. ट्रक को जब्त कर चालक सुबेाध पासवान को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में चालक ने धंधे में शामिल लोगों के नाम बताए.
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी कार्तिकेय शर्मा ने एसडीपीओ सदर अनोज कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर अन्य धंधेबाजों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए. जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और नवादा बाइपास से तस्करी का मुख्य सरगना अकबरपुर थाना क्षेत्र के बेला गांव निवासी सहोदर भाईयों राकेश कुमार व रौशन कुमार दोनों पिता शशिभूषण शर्मा को गिरफ्तार किया. दोनों क्रेटा कार बीआर 01एच क्यू 5263 में सवार थे. कार को भी जब्त किया गया. इन लोगों के पास से 20 हजार रुपये नकद और दो मोबाइल की जब्ती भी की गई.
इन दोनों के अलावा गोविंदपुर थाना इलाके के बघौर गांव निवासी रविरंजन कुमार पिता मिथिलेश सिंह को हिसुआ से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में राकेश ने बताया कि पूर्व में जब्त ट्रक संख्या बीआर 01 जी. ई. 5638 में एक और तहखाना है, जिसमें गांजा का और पैकेट है. पुलिस ने उसकी निशादेही पर जांच पड़ताल की तो 176 पैकेट गांजा की बरामदगी हुई. इस प्रकार कुल 237 पैकेट में रहा 237 किलोग्राम गांजा की बरामदगी हुई. आरोपी राकेश ने यह भी बताया कि वह पिछले 6-7 महीने से इस धंधे में लिप्त था और गांजा ओडिशा राज्य के झारसुगुडा से मंगाया करता था. किसी को शक न हो इसके लिए गिट्टी लदे ट्रक की आड़ में वह धंधा किया करता था. बता दें कि गांजा-शराब की तस्करी के मामले आए दिन सामने आते हैं. अवैध कमाई का यह बड़ा श्रोत बन गया है. पुलिस की तमाम सक्रियता के बाद भी धंधा थम नहीं रहा है.
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