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Research में बड़ा दावा, लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा अधिक

Nilmani Pal
25 Jun 2024 8:53 AM GMT
Research में बड़ा दावा, लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा अधिक
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एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले बुजुर्गों में स्ट्रोक Stroke का खतरा 56 प्रतिशत अधिक हो सकता है। World Health Organization विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2023 में अकेलेपन को एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य खतरा घोषित किया है, जिससे होने वाली मृत्यु दर प्रतिदिन 15 सिगरेट पीने के बराबर है। बता दें कि पिछले कई शोधों में अकेलेपन को हृदय संबंधी बीमारियों के उच्च जोखिम से जोड़ा गया था। वहीं हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ यूएस के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए नए शोध में समय के साथ अकेलेपन में होने वाले परिवर्तनों और स्ट्रोक के जोखिम के बीच एक संबंध के बारे में जांच की गई।

Yeni Soh सोशल एंड बिहेवियरल साइंसेज डिपार्टमेंट के रिसर्च एसोसिएट और प्रमुख लेखक येनी सोह ने कहा, "शोध से पता चलता है कि स्ट्रोक के मामलों में अकेलापन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जो पहले से ही दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता और मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है।" इक्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित यह शोध 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के 8,936 प्रतिभागियों पर आधारित था, जिन्होंने जीवन में कभी भी स्ट्रोक का सामना नहीं किया।

शोध के परिणामों से यह पता चला है कि कम समय के लिए अकेले रहने वाले प्रतिभागियों में स्ट्रोक का जोखिम 25 प्रतिशत अधिक था। हालांकि जो लोग कम समय के लिए अकेले रहते हैं उनकी तुलना में लंबे समय से अकेले रहने वाले लोगों में यह खतरा 56 प्रतिशत अधिक था। शोध में एक समय में अकेलेपन का अनुभव करने वाले लोगों में स्ट्रोक का जोखिम अधिक था, और जिन लोगों ने कम या हाल ही में अकेलेपन का अनुभव किया, उनमें स्ट्रोक के जोखिम का कोई स्पष्ट पैटर्न नजर नहीं आया।

इस शोध को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि स्ट्रोक के जोखिम पर अकेलेपन का प्रभाव लंबी अवधि में होता है।

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