बिहार। सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के बड़े कारोबारी प्रणव कुमार घोष (पीके घोष) को गिरफ्तार कर लिया है। मनी लॉड्रिंग के आरोप में शुक्रवार की रात पटना में घोष को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी की कार्रवाई निदेशालय के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल के नेतृत्व में की गई। घोष पर सृजन की साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप भी लगा है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही एक और बड़े व्यवसायी की गिरफ्तारी इस मामले में होने वाली है। गिरफ्तारी से संबंधित दस्तावेजों के अनुसार, जांच में निदेशालय ने घोष को मनी लॉड्रिंग की धारा 2002 (15/2003) के तहत दोषी पाया है। सृजन घोटाला में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, फर्जीवाड़ा आदि आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामला दर्ज कर जांच शुरू की गयी।
पाया गया कि बड़ी सरकारी राशि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. के खाते में ट्रांसफर की गयी। घोटाला भागलपुर के अलावा सहरसा और बांका में भी उजागर हुआ। जांच में पाया गया कि 2003-04 और 2007-08 में घोष ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति में प्रोफेशनल टैक्स सलाहकार के रूप में काम किया था। सृजन कार्यालय में नियमित रूप से जाने और मनोरमा देवी का सहयोग करने की बात कही गयी है।
मनोरमा देवी के बेटी के बयान के हवाले से कहा गया है कि घोष मनोरमा देवी के मुख्य सलाहकार थे। सृजन के खाते से 25 लाख रुपये ऋण लेने की बात भी दर्ज है। जांच में पाया गया है कि ज्ञानेन्द्र नाथ मुखर्जी रोड, नया टोला भीखनपुर के पीके घोष ने सृजन से अच्छा-खासा लाभ लिया। वह सृजन की तत्कालीन सचिव मनोरमा देवी, बैंक अधिकारी और सरकारीकर्मियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे।