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BIG BREAKING: विभव कुमार की जमानत याचिका ख़ारिज

Shantanu Roy
12 July 2024 9:35 AM GMT
BIG BREAKING: विभव कुमार की जमानत याचिका ख़ारिज
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स्वाति मालीवाल मारपीट मामलें जांच जारी
New Delhi. नई दिल्ली। स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट मामले में आरोपी विभब कुमार की ज़मानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारीज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि भले ही विभव कुमार सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव रहे हों, लेकिन वह खासे प्रभावी थे और वह केस को प्रभावित कर सकते हैं। गौरतलब है कि बुधवार 10 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट की ओर से कहा गया था कि शुक्रवार 12 जुलाई को स्वाति मालीवाल पर कथित हमले से संबंधित मामले में फैसला सुनाया जाएगा कि विभव कुमार को जमानत दी जाए या नहीं. अब इसी क्रम में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए विभव कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने यह फैसला लिया है।

बिभव कुमार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 13 मई को सीएम आवास में स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी और मारपीट की है। स्वाति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार कर लिया था। अभी बिभव 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा था। पुलिस की मानें तो बिभव ने मुंबई जाकर अपना फोन फॉर्मेट किया और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की भी आशंका है।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने दावा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी बिभव कुमार को स्वाति मालीवाल के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के बाद वहां बुलाया गया था। आयोग ने इस बाबत ब्योरा मांगा है कि आम आदमी पार्टी (सांसद) स्वाति मालीवाल के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी बिभव को किसके निर्देश पर बुलाया गया था। एनसीडब्ल्यू ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि इससे पहले 13 मई, 2024 को जारी एक वक्तव्य में उसने एक मीडिया पोस्ट का स्वत: संज्ञान लिया था कि ‘दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगाया’। खबर के मुताबिक दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मालीवाल ने आरोप लगाया कि कुमार ने उन पर हमला किया था। एनसीडब्ल्यू ने खुलासा किया है कि मालीवाल के मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के बाद कुमार को वहां बुलाया गया था। जिन परिस्थितियों में और जिस किसी के निर्देश पर कुमार को बुलाया गया था, उसे स्पष्ट करने के लिए एनसीडब्ल्यू ने मुख्यमंत्री सहित सभी शामिल व्यक्तियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच करने के लिए कहा है।
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