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बिग ब्रेकिंग: 900 से अधिक अधिकारियों का ट्रांसफर, वजह भी जानें
jantaserishta.com
27 Oct 2022 5:30 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
लेकिन छह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों सहित 51 और अधिकारियों को अभी हटाया जाना बाकी है.
नई दिल्ली: चुनाव आयोग की ओर से फटकार के बाद बुधवार को गुजरात प्रशासन ने विधानसभा चुनाव से पहले 900 से अधिक अधिकारियों का तबादला कर दिया है, लेकिन छह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों सहित 51 और अधिकारियों को अभी हटाया जाना बाकी है. सूत्रों ने बताया कि अब चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बाकी अधिकारी संबंधित मुख्यालय को रिपोर्ट करें और गुरुवार शाम चार बजे तक कंप्लाइंस रिपोर्ट भेज दें.
जिन 51 अधिकारियों का तबादला किया जाना बाकी है, उनमें छह आईपीएस अधिकारियों में - अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रेमवीर सिंह (अपराध, अहमदाबाद शहर), ए जी चौहान (यातायात, अहमदाबाद शहर), पुलिस उपायुक्त हर्षद पटेल (नियंत्रण कक्ष, अहमदाबाद शहर) , मुकेश पटेल (जोन- IV, अहमदाबाद शहर), भक्ति ठाकर (यातायात, अहमदाबाद शहर), और रूपल सोलंकी (अपराध, सूरत शहर) शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि ट्रांसफर किए गए 900 से अधिक अधिकारी विभिन्न ग्रेड और सेवाओं के हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अनुपालन रिपोर्ट भेजने में गुजरात सरकार के अधिकारियों की विफलता पर कड़ा रुख अपनाते हुए चुनाव आयोग ने पिछले सप्ताह राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से स्पष्टीकरण मांगा था. एक पत्र का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने पिछले शुक्रवार को गुजरात के मुख्य सचिव को फटकार लगाई. दरअसल, रिमाइंडर के बावजूद मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक कुछ श्रेणी के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अनुपालन रिपोर्ट भेजने में विफल रहे थे. आयोग ने कहा है कि "मामले में रिमाइंडर के बावजूद निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद भी अब तक अनुपालन रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई", इसके लिए कारण बताया जाए.
अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में हिमाचल प्रदेश और गुजरात को पत्र भेजे गए थे. हिमाचल प्रदेश में जहां 12 नवंबर को मतदान होगा, वहीं गुजरात चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की जानी अभी बाकी है. गौरतलब है कि आयोग ने दोनों राज्य सरकारों को अपने गृह जिलों में तैनात अधिकारियों और पिछले चार वर्षों में एक जिले में तीन साल बिताने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों की ओर से इस तरह के निर्देश जारी करना आम बात है.
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