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BIG BREAKING: रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई मीटिंग

Shantanu Roy
13 Aug 2024 5:57 PM GMT
BIG BREAKING: रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई मीटिंग
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Kolkata. कोलकाता। कोलकाता में महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर देशभर के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे थे. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी. जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अविरल माथुर ने कहा, ‘हमने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की और अपनी संशोधित मांगें उनके सामने रखीं. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वे डॉक्टरों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध कराएंगे। माथुर ने कहा, ‘उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि हमारी मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा. एक समिति बनाई जाएगी और हम उसका हिस्सा होंगे. हमारी सभी मांगें मान ली गई हैं, इसलिए FORDA हड़ताल वापस ले रहा है.’ कोलकाता में हुई इस घटना के विरोध में कोलकाता के अस्पतालों के अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली, चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर, जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल सहित देशभर के कई सरकारी चिकित्सालयों में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे थे. जिससे स्वास्थ्य सेवाएं आंशिक रूप से
प्रभावित रहीं।

डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि अस्पतालों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. इस बीच, मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में गत शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक का शव अर्ध नग्न अवस्था में मिला था. आरोप है कि महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई. वारदात के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो अस्पताल से जुड़ा हुआ नहीं था, लेकिन उसका वहां अक्सर आना-जाना था. इस घटना के बाद यह विरोध प्रदर्शन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद किया गया था. एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने भावुक होते हुए कहा, ‘डॉक्टर होने के नाते हम विरोध प्रदर्शन करना और सेवाएं बाधित करना पसंद नहीं करते, लेकिन हमें अपने सहकर्मियों के लिए खड़ा होना चाहिए. यह स्थिति दिल्ली, मुंबई या कहीं और भी हो सकती है।
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