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New Delhi. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 50वें G7 समिट के लिए इटली में हैं। PM ने शुक्रवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर नमस्ते किया। इसके बाद मोदी वैटिकन सिटी के प्रमुख पोप फ्रांसिस से भी मिले। प्रधानमंत्री G7 की आउटरीच बैठक में शामिल हुए।
Watch: PM Modi meets Pope at the G7 outreach summit pic.twitter.com/oPU8NFANNw
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 14, 2024
इससे पहले PM मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक से भी मिले। रूस-यूक्रेन जंग के बीच सबसे ज्यादा चर्चा मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की है। मुलाकात के दौरान दोनों नेता गले लगे। इसके बाद उनके बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। जंग शुरू होने के बाद यह दूसरा मौका है जब मोदी जेलेंस्की से मिले हैं। इससे पहले पिछले साल दोनों नेताओं ने जापान में G7 समिट में मुलाकात की थी। PM मोदी लगातार 5वीं बार G7 समिट में शामिल हुए हैं। वे देर रात 3:30 बजे इटली पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी बातचीत की।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी बातचीत की। pic.twitter.com/SNh2hQjrNd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 14, 2024
G7 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी के बीच बहस हो गई। दरअसल, मैक्रों ने G7 के जॉइंट स्टेटमेंट में गर्भपात के अधिकार का मुद्दा उठाने की मांग की। लेकिन मेलोनी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैक्रों G7 को चुनावी राजनीति का मंच न बनाएं। मेलोनी की इस बात से मैक्रों नाराज हो गए। दरअसल, फ्रांस में इसी महीने के आखिर में चुनाव हैं। मैक्रों सरकार ने मार्च में गर्भपात के अधिकार को संवैधानिक बना दिया था। इटली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मैक्रों ने कहा कि यहां पर महिलाओं को लेकर वैसी संवेदनशीलता नहीं देखी जाती है जैसी हमारे यहां है। उन्होंने कहा कि ये बेहद बुरा है कि गर्भपात का संदर्भ हटा दिया गया। दूसरी तरफ, जॉइंट स्टेटमेंट से गर्भपात के मुद्दे को हटाने की वजह से सोशल मीडिया पर मेलोनी को ट्रोल किया जा रहा है। कुछ यूजर्स ने कहा कि एक महिला PM को ‘महिलाओं के अधिकार’ से जुड़े मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है।
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