भारत
BIG BREAKING: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर महासचिवों के बीच बैठक जारी
Shantanu Roy
17 Dec 2024 5:48 PM GMT
x
बड़ी खबर
New Delhi. नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में बीजेपी के सामने 'प्रॉब्लम ऑफ प्लेन्टी' यानी 'बहुतायत की समस्या' एक चुनौती बन सकती है. गत 26 वर्षों से दिल्ली की सत्ता से बाहर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए इस बार हालात अनुकूल प्रतीत होते हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही, कांग्रेस भी इतनी मजबूत नहीं है कि वह अपने बलबूते सत्ता में आ सके।
दिल्ली चुनाव पर BJP दफ्तर में बैठक
— Dinesh shukla (Journalist) 🇮🇳 (@Dinehshukla) December 17, 2024
BJP के राष्ट्रीय महासचिवों की हो रही बैठक
जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हो रही बैठक
बैठक में अरुण सिंह, दुष्यंत गौतम मौजूद
बीएल संतोष, राधा मोहन अग्रवाल भी मौजूद।#Delhi #VidhanSabha #BJP pic.twitter.com/4UjIM36fDP
इस बार के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका लगा था, जब उसके मतदान प्रतिशत में गिरावट आई थी, फिर भी वह दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही. बीजेपी के खिलाफ AAP और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनावों के बाद, बीजेपी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी जीत हासिल की और यहां तक कि जम्मू और कश्मीर के चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया. हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बीजेपी की पृष्ठभूमि अनुकूल है, लेकिन पार्टी कुछ चुनौतियों का सामना कर रही है। सबसे बड़ी चुनौती उम्मीदवारों को लेकर है. पार्टी ने कई अन्य दलों के नेताओं को अपने साथ जोड़ा है, जिससे कुछ सीटों पर दावेदारों की संख्या बढ़ गई है. कुछ सीटों पर बीजेपी के मौजूदा विधायक भी हैं, लेकिन फिर भी पार्टी ने दूसरे दलों से वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया है. इन स्थितियों में, बीजेपी को विचार करना होगा कि वह कैसे पात्र और योग्य उम्मीदवारों को चुनेगी, जो न सिर्फ जीत दिला सकें बल्कि बाकी समीकरणों को भी गड़बड़ाने ना दें।
Next Story