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BIG BREAKING: हमास चीफ याह्या सिनवार मारा गया, इजरायल ने की पुष्टि
Shantanu Roy
17 Oct 2024 5:12 PM GMT
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New Delhi. नई दिल्ली। इजरायल के विदेश मंत्री इसराइल काट्ज ने पुष्टि की है कि हमास प्रमुख याह्या सिनवार, जिसने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला करवाया था, मारा जा चुका है. यह जानकारी शुरुआती DNA जांच के आधार पर दी गई है. 7 अक्टूबर के हमले में 1,200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी, जो इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है. इसके बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव फैल गया था. काट्ज ने कहा, 'याह्या सिनवार जो 7 अक्टूबर के हमले का जिम्मेदार था, को आज इजरायली सेना के जवानों ने मार गिराया." आज ही इजरायली सेना ने गाजा में एक अभियान के दौरान तीन और आतंकवादियों को मार गिराने की जानकारी दी थी।
गुरुवार को सिनवार की मौत की खबरों ने तब जोर पकड़ा था जब एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने कहा था कि आईडीएफ के बुधवार के हमले में मारा गया एक शख्स याह्या सिनवार था जो 7 अक्तूबर को इजरायल में हुए बड़े हमले का मास्टरमाइंड था. दरअसल, इजरायली सैनिकों ने गाजा की एक इमारत पर बुधवार को हमला किया था. इसमें तीन लोग मारे गए थे. सैनिकों ने गुरुवार को इमारत में प्रवेश किया तो उन्हें पता चला कि एक मृत शख्स सिनवार की तरह दिखता है. तभी से ये अटकलें तेज हो गई हैं कि सिनवार की मौत हो गई है। दरअसल, कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि इजरायल, गाजा शहर में विस्थापित फिलिस्तीनियों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर रॉकेट हमले में सिनवार की हत्या की संभावना की जांच कर रहा है. हालांकि, कतर के एक सीनियर राजनयिक ने जेरूसलम पोस्ट को विशेष रूप से बताया कि सीधे संपर्क की खबरें झूठी थीं।
राजनयिक के मुताबिक, हमास के एक सीनियर नेता खलील अल-हयाह के जरिए संपर्क स्थापित किया गया था। इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार इस साल अगस्त में हमास प्रमुख बना था, जब इस्माइल हनीया की ईरान में एक विस्फोट में हत्या कर दी गई थी. 1962 में जन्मे सिनवार हमास के शुरुआती सदस्यों में से एक था. हमास का गठन 1987 में हुआ था. सिनावर ने हमास की सुरक्षा शाखा का नेतृत्व किया, जिसने संगठन से इजरायली जासूसों को बाहर निकालने का काम किया. उसे 1980 के दशक के अंत में इजरायल द्वारा गिरफ्तार किया गया था और सिनवार ने 12 संदिग्ध सहयोगियों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी, जिसके कारण उसे "खान यूनिस का कसाई" कहा जाने लगा था. आखिरकार, सिनवार को उसके अपराधों के लिए चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें 2 इजरायली कर्मियों की हत्या भी शामिल थी।
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