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BIG BREAKING: आलोक राज बने BSSC के चेयरमैन

Shantanu Roy
18 Dec 2024 5:56 PM GMT
BIG BREAKING: आलोक राज बने BSSC के चेयरमैन
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Bihar. बिहार। बिहार के पूर्व कार्यवाहक डीजीपी आलोक राज को बिहार सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। आलोक राज को बिहार कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। बिहार, झारखंड और बंगाल में 35 वर्षों का लंबा अनुभव पुलिसिंग में रहा है। डीजीपी के तौर पर 105 दिनों का कार्यकाल भी शानदार रहा। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के तौर पर रहते हुए BSSC के चेयरमैन के तौर पर अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। बिहार सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बिहार के
पुलिस
महानिदेशक के पद से हटाए गए राज्य के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक राज को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक बार फिर नया प्रभार दिया है। पिछले हफ्ते डीजीपी के पद से हटाए जाने के बाद उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसके साथ अब आलोक राज को बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक राज बिहार कैडर के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं। उनके जूनियर आर. एस. भट्टी को डीजीपी बनाया गया था।


लेकिन उन्होंने अचानक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापसी मांग ली। उस समय राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने आलोक राज को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया। पिछले दिनों उन्हें फिर इस पद से हटा दिया गया और आईपीएस विनय कुमार को सरकार ने स्थायी डीजीपी के रूप में दो साल के लिए बैठा दिया। इसके साथ ही आलोक राज को बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम का महानिदेशक-सह-अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक बना दिया गया। अब उन्हें बिहार कर्मचारी चयन आयोग अधिनियम 2002 की धारा 3 के तहत नई जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार के रूप में मिली है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मोहम्मद सोहेल के पास अब तक बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार था। उन्हें उस प्रभार से मुक्त करते हुए यह प्रभार 'अतिरिक्त' के रूप में आईपीएस आलोक राज को दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार पुलिस के पदों को भरने के लिए लगातार पिछले अधिकारियों पर दबाव डालते रहे थे। इसी के तहत उन्होंने पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को बिहार सिपाही चयन पर्षद की जिम्मेदारी दी थी। उसके बाद नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पदों पर फोकस किया। अब बाकी खाली पदों को भरने पर लगातार वह ध्यान दे रहे हैं। आलोक राज को बीएसएससी अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे भी उसी तरह की गंभीरता देखी जा रही है।
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