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BIG BREAKING: 40 साल बाद कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे से मिली मुक्ति

Shantanu Roy
1 Jan 2025 6:39 PM GMT
BIG BREAKING: 40 साल बाद कार्बाइड कारखाने के जहरीले कचरे से मिली मुक्ति
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Bhopal. भोपाल। राजधानी भोपाल को 40 साल बाद आखिरकार 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे से मुक्ति मिली है। यह कचरा अब भोपाल से 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर ले जाया जा रहा है, जहां उसे पूरी तरह से नष्ट किया जाएगा। इस प्रक्रिया को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है और पुलिस बल की भारी तैनाती के साथ 12 कंटेनर रविवार को पीथमपुर के लिए रवाना हुए। कचरे के परिवहन के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने भी विशेष योजना बनाई है ताकि रास्ते में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। साथ ही, इस कार्य में एम्बुलेंस, पुलिस और फायर दमकल की गाड़ियां भी शामिल की गई हैं, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी।


कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। इस ग्रीन कॉरिडोर के तहत, ट्रैफिक पुलिस ने सड़क पर विशेष इंतजाम किए हैं ताकि रास्ते में ट्रैफिक जाम न हो और कचरे को बिना किसी रुकावट के समय पर भेजा जा सके। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस, एम्बुलेंस और फायर दमकल की
गाड़ियों
को भी इस मार्ग पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके। हालांकि, इस कचरे के पीथमपुर में नष्टिकरण को लेकर इंदौर और पीथमपुर में विरोध हो रहा है। स्थानीय लोग और विभिन्न संगठनों का कहना है कि इस कचरे के नष्टिकरण से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विरोध करने वालों का मानना है। इस कचरे का नष्टिकरण करने की प्रक्रिया से हवा, पानी और मिट्टी में प्रदूषण फैल सकता है। जो आसपास के इलाकों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

बावजूद इसके, प्रशासन और पर्यावरण मंत्रालय ने इसे एक जरूरी कदम बताते हुए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए हैं और इस प्रक्रिया को किसी भी प्रकार से विफल होने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। भोपाल के नागरिकों के लिए यह घटना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। 1984 के गैस कांड के बाद से यह कचरा भोपाल में ही रखा गया था, जिससे शहर और उसके नागरिकों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा था। अब 40 साल बाद, इस कचरे का नष्टिकरण किया जा रहा है, जो भोपाल के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस कचरे के नष्टिकरण के बाद, भोपाल में प्रदूषण कम होने की उम्मीद जताई जा रही है और यह एक अच्छा उदाहरण बनेगा कि कैसे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुरानी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
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