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BIG BREAKING: 700 फीट गहरे बोरवेल में फसी हुई है 3 साल की बच्ची, रैट माइनर्स खोदेंगे सुरंग
Shantanu Roy
25 Dec 2024 4:23 PM GMT
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बड़ी खबर
Kotputli. कोटपूतली। रैट माइनर्स टीम के हेड मोहम्मद इरशाद अंसारी ने मीडिया को बताया कि हमने उत्तराखंड टनल हादसे में खुदाई कर मजदूरों को बचाया था। अभी हम चार लोगों की टीम खजूरी खास, दिल्ली से यहां पहुंची है। यहां हम जमीन के अंदर सुरंग से बोरवेल तक हॉरिजॉन्टल खुदाई कर बच्ची तक पहुंचेंगे। रैट माइनर्स टीम के हेड ने बताया- हम पिछले दो दिन से टीवी पर रेस्क्यू ऑपरेशन की न्यूज देख रहे थे। आज दोपहर को कोटपूतली प्रशासन को मैंने संपर्क किया। इसके बाद एसडीएम बृजेश चौधरी ने हमें फोन कर आने के लिए कहा। हम रात 8 बजे कोटपूतली पहुंचे हैं।
Kotputli Borewell Accident: #Live #रेस्क्यू 60 घंटे (दो दिन) बाद भी बोरवेल से नहीं निकली चेतना, प्रशासन की बड़ी लापरवाही।#Kotputli_Live_Update
— LALCHAND YADAV (@LalchandYadavYt) December 25, 2024
कोटपुतली बोरवेल में मासूम का क्या हाल है दो दिन हों गये #Live #रेस्क्यू
कोटपुतली में बोरवेल में गिरी मासूम चेतना को निकालने का… pic.twitter.com/kS5rVj6y7L
कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। बोरवेल के समानांतर पाइलिंग मशीन से एक और गड्ढा खोदा जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब भी 110 फीट और खुदाई बाकी है। उत्तराखंड टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में सफलता दिलाने वाली 'रैट माइनर्स' की टीम पहुंच गई है। बोरवेल और खोदी जा रही सुरंग के बीच करीब 20 फीट का फासला है। सुरंग से बोरवेल तक हॉरिजाॅन्टल खुदाई रैट माइनर्स की टीम करेगी और बच्ची का रेस्क्यू करेगी।
मंगलवार को हुक से ऊपर खींचने के देसी जुगाड़ के फेल होने के बाद से चेतना 120 फीट पर अटकी है। करीब 150 फीट की खुदाई के बाद चेतना तक सुरंग खोदकर पहुंचने का प्रयास होगा। साथ ही एल बैंड (देसी जुगाड़) से भी चेतना को बाहर खींचने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले मंगलवार शाम तक किए गए चार देसी जुगाड़ में टीमों को सफलता नहीं मिली थी। दरअसल, किरतपुर के बड़ीयाली की ढाणी की चेतना चौधरी सोमवार दोपहर करीब 1:50 बजे खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी। मंगलवार सुबह से चेतना का मूवमेंट भी नहीं दिख रहा है। बच्ची के परिजनों का सब्र टूटने लगा है। वे बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनकी बच्ची सुरक्षित बोरवेल से निकाल ली जाए। बुधवार रात को बच्ची की मां की तबीयत बिगड़ गई।
मंगलवार रात करीब 12 बजे कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने मीडिया को बताया- बच्ची को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हमारा पहले प्लान A था कि बच्ची को अलग-अलग उपकरणों की मदद से बोरवेल से बाहर निकाल लें। उसमें सफलता नहीं मिली तो हम प्लान B पर आए हैं। अब हम पाइलिंग मशीन के जरिए गड्ढा खोद रहे हैं। इधर, बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। फिर 28 घंटे बाद मशीन से गड्ढा खोदने का फैसला किया। लापरवाही हो रही है। बुधवार रात चेतना की मां धोली देवी की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद डॉक्टर को बुलाकर चेकअप करवाया गया है। धोली देवी ने सोमवार से ही कुछ भी नहीं खाया-पीया है। सीएमएचओ डॉक्टर श्रीराम सराधना ने बताया- धोली देवी का बीपी डाउन हो गया था। ओआरएस घोल पिलाया है। कुछ दवाइयां लिखी हैं।
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Shantanu Roy
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