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सिंचाई विभाग के पूर्व इंजीनियर को बड़ा झटका, कोर्ट ने संपति जब्त करने का दिया आदेश

jantaserishta.com
3 March 2022 2:40 AM GMT
सिंचाई विभाग के पूर्व इंजीनियर को बड़ा झटका, कोर्ट ने संपति जब्त करने का दिया आदेश
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जानिए पूरा मामला।

पटना: निगरानी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दीपक कुमार ने बुधवार को सिंचाई विभाग के पूर्व इंजीनियर रामदत्त शर्मा की आय से अधिक अवैध संपति को सरकार के पक्ष में जब्त करने का फैसला दिया है। निगरानी कोर्ट ने साढ़े सात लाख रुपये की अचल-संपति की जब्ती का फैसला दिया है। निगरानी कोर्ट ने फैसला देते हुए आरोपित पूर्व इंजीनियर रामदत्त शर्मा को निर्देश दिया कि वह 30 दिनों के अंदर अवैध संपत्ति को पटना के जिलाधिकारी को सौंप दें।

वहीं, पटना के डीएम को निर्देश दिया है 30 दिनों के अंदर अवैध संपति को आरोपी द्वारा नहीं सौंपा जाता है, तब वह सरकार के पक्ष में जब्ती की कार्रवाई करे। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने, अपनी पत्नी और दो पुत्र के नाम पर अवैध अचल संपति अर्जित की है। निगरानी ब्यूरो ने उनके खिलाफ 8 लाख 53 हजार रुपये की आय से अधिक संपति अर्जित करने का एक मामला दर्ज किया।
अनुसंधान के बाद निगरानी ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसी जांच में पायी गयी अवैध संपति को सरकार के पक्ष में जब्त करने के लिए निगरानी कोर्ट में वर्ष 2019 में मुकदमा किया था। इस मुकदमा की सुनवाई करने के बाद निगरानी कोर्ट ने बुधवार को फैसला दिया है। इस मामले में ब्यूरो ने आरोपी इजीनियर रामदत्त शर्मा, उनकी पत्नी श्रीमति प्रभादेवी, पुत्र राजेश कुमार उर्फ अमित कुमार और सुदर्शन कुमार को प्रतिवादी बनाया था।
इस मामले के विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बताया कि आरोपी, उसकी पत्नी और दो पुत्र के पास पायी गयी अवैध अचल संपति की जब्ती का फैसला दिया है। उन्होंने बताया कि निगरानी कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में रामदत्त शर्मा और उनके परिजनों के नाम बाढ़ के अछुआरा, पटना में चार भूखंड प्रत्येक का रकबा पांच कट्ठा चार धुर, श्रीकृष्ण बिहारी सहकारी गृह निर्माण समिति बेऊर पटना स्थित चार भूखंड (प्रत्येक का रकबा 2800 वर्गफीट), शेखपुरा पटेल नगर पटना स्थित तीन कट्ठा का एक भूखंड, अछुआरा बाढ़ स्थित दो डिसिमिल का एक भूखंड, शेखपुरा फुलवारी शरीफ स्थित 2722 वर्गफीट भूखंड और उसपर निर्मित दोमंजिला भवन की संपत्ति को सरकार के पक्ष में जब्त करने का फैसला दिया है। उस समय यह संपत्ति सात लाख 37 हजार की थी, अब यह बढ़कर करोड़ों में हो गई है। वर्ष 1989 में आरोपित ने बाढ में 5-5 कट्ठा के चार भूखंड को प्रति भूखंड 17 हजार 500 में खरीदा था।


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