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सिद्धू को बड़ा झटका, तुरंत सुनवाई से चीफ जस्टिस ने किया मना
jantaserishta.com
20 May 2022 6:31 AM GMT
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फाइल फोटो
नई दिल्ली: नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उन्होंने सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत नहीं दी है. बता दें कि सिद्धू को आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन अब उन्होंने हेल्थ प्रॉब्लम का हवाला देते हुए इसके लिए समय मांगा था.
वहीं, सिद्धू की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए बेंच की तरफ से कहा गया है कि इसको चीफ जस्टिस की बेंच के सामने रखा जाए. चीफ जस्टिस के पास सिद्धू के वकील ने इसपर तुरंत सुनवाई की मांग की. लेकिन चीफ जस्टिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि वह रजिस्ट्री के पास जाकर पहले याचिका दें.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 1988 के रोड रेज मामले में उन्हें गुरुवार को 1 साल की सजा सुनाई है. इसके लिए उनको आज सरेंडर करना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. आजतक से बात करते हुए सिद्धू के दोस्त मनसिमरत सिंह ने कहा कि सिद्धू के लीवर में दिक्कत है.
जस्टिस खानविलकर की बेंच के सामने सिंघवी ने कहा कि यह पुराना मामला है और स्वास्थ्य को लेकर दिक्कतें हैं. इसलिए कुछ हफ्तों का वक्त चाहिए होगा. हालांकि, सिंघवी ने यह नहीं बताया कि सिद्धू को स्वास्थ्य की क्या दिक्कतें हैं. दूसरी तरफ पीड़त के वकील ने सिद्धू की अर्जी का विरोध किया है. कहा गया कि मामला पुराना है और अब जाकर न्याय मिला है.
खानविलकर ने कहा कि मामले की फाइलिंग उनके पास नहीं है. ऐसे में चीफ जस्टिस के सामने याचिका दायर करनी चाहिए.
सजा के ऐलान के बाद सिद्धू ने कल कहा था कि वह कानून का पालन करेंगे. आज सुबह से उनके सरेंडर का माहौल बना हुआ था. लेकिन इस बीच सिद्धू की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की.
1998 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट में यह केस पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले खुला था. पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे अदालत ने मान लिया था. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया.
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