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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को उसके सहयोगी दलों से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. पहले राज्यसभा और अब विधान परिषद के लिए भी सपा के सहयोगियों के बीच खींचतान जारी है. इस बीच महान दल ने भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने का एलान कर दिया है.
महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने आगरा में समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने का एलान किया है. इस दौरान केशव देव मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है. महान दल ने समाजवादी पार्टी से विधानसभा चुनाव 2022 के समय गठबंधन किया था.
बता दें कि सपा गठबंधन में महान दल को केवल दो सीटें मिली थीं. इन दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर महान दल के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. बताया जाता है कि केशव देव मौर्य 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने उनकी नहीं सुनी थी.
इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, जो चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे, उनसे केशव देव मौर्य नाराज हैं. सपा गठबंधन से उनके अलग होने की एक ये भी वजह बताई जा रही है.
वहीं राज्यसभा चुनाव में जब सपा की ओर से आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाया गया था तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से भी विरोध की आवाज उठी थी और इस पार्टी की ओर से भी सपा पर उपेक्षा का आरोप लगाया गया था. दरअसल सुभासपा का कहना था कि 38 सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल ने चुनाव लड़ा था, जिनमें से सिर्फ 8 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं सुभासपा ने सिर्फ 16 सीटों पर चुनाव लड़कर 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मिली हार के बाद उसके एक के बाद एक सहयोगी दल नाराज चल रहे हैं. कोई अखिलेश यादव पर उपेक्षा का आरोप लगा रहा है तो कोई राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की टिकट को लेकर नाराज चल रहा है.
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