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राष्ट्रीय राजनीति का बड़ा झटका: शरद पवार ने राकांपा प्रमुख का पद छोड़ा

jantaserishta.com
2 May 2023 11:05 AM GMT
राष्ट्रीय राजनीति का बड़ा झटका: शरद पवार ने राकांपा प्रमुख का पद छोड़ा
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फाइल फोटो
काईद नजमी
मुंबई (आईएएनएस)| राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने एक अप्रत्याशित राजनीतिक विस्फोट करते हुए मंगलवार को यहां पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने की घोषणा की।
अचानक की गई इस घोषणा से सैकड़ों लोग सदमा और अविश्वास की भावनाओं के साथ नम आंखों से उनके इस कदम का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग करने लगे।
इस घोषणा के वक्त पवार थोड़े उदास, लेकिन दृढ़ दिखे। उनकी पत्नी प्रतिभा भी उनके बगल में बैठी थीं। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि कब रुकना है ..मैंने राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठित की है जो अगले अध्यक्ष पर फैसला करेगी।
अजीत पवार, पार्टी के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं और निचले पायदान के नेताओं को शांत करने का प्रयास किया और उनसे शांत रहने का आग्रह किया।
82 वर्षीय पवार ने अपनी आत्मकथा 'लोक माझे संगायी - पॉलिटिकल ऑटोबायोग्राफी' के विमोचन के दौरान संन्यास की घोषणा की।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनके पास संसद में जाने के लिए तीन साल और हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह पिछले 55 वर्षों की तरह सामाजिक-राजनीति के माध्यम से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहेंगे।
अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा के बारे में बताते हुए पवार ने कहा कि 1 मई 1960 को जब यशवंतराव चव्हाण के नेतृत्व में महाराष्ट्र का गठन किया गया था, उसी दिन वह एक सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता के रूप में पुणे शहर युवा कांग्रेस में शामिल हुए थे।
बाद में उन्हें महाराष्ट्र युवा कांग्रेस में बहुत सारी जिम्मेदारियां मिलीं। वह पुणे से मुंबई आ गए और राज्य भर के युवा संगठनों तथा नेताओं के संपर्क में आए।
एक समय भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस ने अन्य देशों में नेतृत्व की एक नई पीढ़ी कैसे बनाई जाती है और इसके लिए किस तरह की योजना बनाई गई है पर अध्ययन करने के लिए युवा छात्रवृत्ति की विश्व सभा के लिए युवा नेताओं के एक समूह का चयन किया जिसके तहत अमेरिका, जापान, कनाडा तथा डेनमार्क की यात्रा करने और वहां के नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत का मौका मिला।
सन् 1966 में देश में आम चुनावों की घोषणा की गई थी, इसलिए उन्होंने अपना विदेश दौरा बीच में ही छोड़ दिया तथा लोकसभा और विधानसभा के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए लौट आए। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जोर देकर कहा था कि युवाओं को भी चुनाव में उतारा जाना चाहिए।
बाद में चार बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पवार ने कहा यशवंतराव चव्हाण के आग्रह पर 27 साल की उम्र में मुझे बारामती विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार चुना गया था। मेरे खिलाफ सहकारी आंदोलन का एक प्रभावशाली व्यक्ति चुनाव लड़ रहा था..
राज्य युवा कांग्रेस के साथ उनके लंबे जुड़ाव और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं के विशाल नेटवर्क के कारण उन्हें काफी अंतर से चुना गया।
कानून के काम में उनकी रुचि के लिए उन्हें कांग्रेस विधायक दल के सचिव के रूप में भी चुना गया था जिसकी पार्टी ने सराहना की थी।
उन्होंने विधानसभा में काम पर बहुत ध्यान दिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक के प्रोत्साहन के साथ एक सक्रिय युवा विधायक के रूप में काम करते रहे। 1972 में वे और ज्यादा बड़े अंतर से जीतकर आए और मंत्री बनाए गए।
पिछले 56 वर्षों में उन्होंने विधायक, एमएलसी, दोनों सदनों में सांसद, राज्य और केंद्र में मंत्री, चार बार मुख्यमंत्री, रक्षा और कृषि मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और अन्य पदों पर अपनी सेवाओं को याद किया।
एनसीपी बनाने के लिए 1999 में कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपने 63 साल के लंबे राजनीतिक करियर के अंतिम 24 साल तक इसके अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।
पवार ने कहा, मेरे पास राज्यसभा के तीन साल बचे हैं, जिसके दौरान मैं बिना कोई जिम्मेदारी लिए महाराष्ट्र और भारत से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करूंगा। ..1 मई 1960 से 1 मई 2023 तक सार्वजनिक जीवन की लंबी पारी के बाद एक कदम पीछे हटना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वह शिक्षा, कृषि, सहयोग, खेल और संस्कृति के क्षेत्र में युवाओं, छात्रों, श्रमिकों, दलितों, आदिवासियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों से संबंधित मुद्दों पर बहुत कुछ करेंगे।
पवार कई संगठनों से जुड़े हैं जिनमें 4.50 लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं - जैसे रयात शिक्षण संस्थान (सतारा); विद्या प्रतिष्ठान (बारामती); मराठा मंदिर (मुंबई); महात्मा गांधी सर्वोदय संघ (उराली कंचन, पुणे); शिवनगर विद्या प्रसारक मंडल (बारामती); और अखिल भारतीय मराठा शिक्षा परिषद (पुणे)।
उन्होंने नेहरू सेंटर, मुंबई, जो विज्ञान के क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ावा देता है; यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, जो महाराष्ट्र के विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित है; मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय संस्थान, जो पढ़ने, संस्कृति और पुस्तकों के संरक्षण को बढ़ावा देता है; को भी समय देने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा, मैं वसंतदादा चीनी संस्थान जैसे कई संगठनों का प्रभारी हूं, जो गन्ना और चीनी कारखानों में अनुसंधान और विस्तार कार्य कर रहे हैं। मैं अब से इस काम पर अधिक ध्यान दूंगा।
पवार ने अपने संबोधन के अंत में कहा, मैं यह नहीं भूल सकता कि पिछले छह दशकों में महाराष्ट्र और आप सभी ने मुझे मजबूत समर्थन और प्यार दिया है। अब समय आ गया है कि नई पीढ़ी पार्टी का दिशा-निर्देश तय करे और जिस दिशा में उसे ले जाना चाहती है, ले जाए। मैं सिफारिश कर रहा हूं कि अध्यक्ष पद की रिक्ति के चुनाव पर निर्णय लेने के लिए एनसीपी सदस्यों की एक समिति बनाई जानी चाहिए।
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