सावधान! लाखों वाहन चालकों को तगड़ा झटका, ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी
नोएडा: तीन या इससे अधिक बार नियम तोड़ने वालों पर और शिकंजा कसने वाला है। ऐसे वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। ऐसे नोएडा-ग्रेनो में 2 लाख 16 हजार वाहन चालक चिन्हित किए गए हैं। इनमें से करीब 2 हजार ऐसी गाड़ियां हैं जिन्होंने 30 बार से अधिक नियम तोड़े। ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने के लिए इसी सप्ताह यातायात पुलिस सहायक संभागीय परिवहन विभाग को वाहन चालकों की सूची भेज देगा।
मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले तीन बार नियम तोड़ने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए थे। इसी क्रम में यातायात पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 2 लाख 16 हजार ऐसे वाहन चालक सामने आए हैं जिन्होंने तीन या इससे अधिक बार नियम तोड़ा है। महत्वपूर्ण यह भी है कि इन्होंने चालान का भुगतान भी नहीं किया है जबकि करीब डेढ़-दो साल पहले तक से इनके चालान हो रखे हैं। ऐसे में लगातार नियम तोड़ने के साथ चालान का भुगतान नहीं करने की वजह से भी इन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी यातायात अनिल कुमार यादव ने बताया कि तीन या इससे अधिक बार नियम तोड़ने वाले वाहनों का एनआईसी से डाटा मांगा गया है। अभी वहां से आई प्राथमिक जानकारी में सामने आया है कि ऐसे करीब 2 लाख 16 हजार वाहन हैं जो इस दायरे में आएंगे। इनमें से करीब 96 हजार गाड़ियां यूपी-16 नंबर की हैं। बाकी यूपी के दूसरे जिलों, दिल्ली व हरियाणा की हैं। उन्होंने बताया कि डाटा के तहत करीब 2 हजार ऐसी गाड़ियां सामने आई हैं जिन्होंने 30 या इससे अधिक बार नियम तोड़े।
शहर में जगह-जगह कैमरे लगे हुए हैं, इस वजह से नियम तोड़ने वालों का बचना मुश्किल है। इस वजह से भी अधिक चालान हो रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर 82 जगह 1064 कैमरे लगवाए हैं। इन कैमरों के जरिए यातायात नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की जा रही है।
शहर के अधिकांश बत्तियों पर नंबरिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा है। इस वजह से अचानक हरी से लाल बत्ती हो जाती है। इस वजह से वाहन चालक लाल बत्ती होते ही जहां होते हैं, वहां रूकना पड़ता है। कई बार पैदल लोगों के चलने के लिए बनी जेब्रा क्रासिंग पर जब वाहन चालक पहुंचते हैं तभी लाल बत्ती हो जाती है। यहां के चौराहों पर वाहनों का दबाव इतना अधिक है कि एक बार रूकने पर पीछे वाहन करने की गुंजाइश नहीं बचती।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर भी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है। यहां हाइवे सिक्योरिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत करीब 46 जगह 177 कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है। यह एक्सप्रेस वे करीब 24 किलोमीटर लंबा है जिसमें से करीब 20 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा एरिया में आता है। इन सभी कैमरों के लिए सेक्टर-94 में इंटीग्रेटिड कमांड कंट्रोल सेंटर बना हुआ है। यह सेंटर करीब सवा साल पहले बनकर तैयार हुआ था।