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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई राज्यों में अब भी मॉनसून कमजोर है. अच्छी बारिश नहीं होने की मार सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ी है. धान की बुवाई में देरी होने की वजह से किसान पहले से ही परेशान हैं. झारखंड सरकार ने स्थिति को देखते हुए किसानों को धान की जगह अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने की सलाह दी है.
इन सबके बीच, किसानों के लिए और बुरी खबर है. स्काइमेट वेदर एजेंसी के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत के मुताबिक, अगले 1 सप्ताह तक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखंड के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश होने की संभावना नहीं है. कहीं-कहीं हल्की मध्यम बारिश बौछारों के रूप में दिखाई देंगी. किसानों को राहत नहीं है. फसलों को भी नुकसान की आशंका है.
अगले 1 सप्ताह तक पूर्वी #उत्तरप्रदेश, #बिहार तथा #झारखंड के अधिकांश भागों में अच्छी #बारिश होने की संभावना नहीं है। कहीं-कहीं हल्की बौछारें ही दिखाई देंगी। किसान भाइयों को राहत नहीं है फसलों को भी नुकसान की आशंका है। @SkymetHindi @SkymetWeather @JATINSKYMET
दरअसल, उत्तर भारत के किसान इस बार औसत से भी कम हुई बारिश से परेशान है. धान की बुवाई में पहले ही देरी हो चुकी है. किसी तरह अगर धान की फसल लगा भी दी है तो अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से फसल बर्बाद होने की नौबत आ जाएगी. अगर आने वाले दिनों में मौसम ऐसा ही रहता है तो उनके आजीविका पर संकट आ जाएगा.
उधर महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों में इसके उलट भयंकर बारिश ने तबाही मचा रखी है. वहां के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है, जिसकी वजह से हजारों एकड़ की फसलें बर्बाद हो गई हैं.
अगले 1 सप्ताह तक पूर्वी #उत्तरप्रदेश, #बिहार तथा #झारखंड के अधिकांश भागों में अच्छी #बारिश होने की संभावना नहीं है। कहीं-कहीं हल्की बौछारें ही दिखाई देंगी। किसान भाइयों को राहत नहीं है फसलों को भी नुकसान की आशंका है। @SkymetHindi @SkymetWeather @JATINSKYMET
— Mahesh Palawat (@Mpalawat) August 5, 2022
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