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CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मई, 2021 से शुरू होने जा रही हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां एक ओर विशेषज्ञों ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं, दूसरी सीबीएसई ने छात्रों को बड़ी छूट देने का एलान किया है। सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में बड़ी छूट देने का एलान किया है।
हाल ही देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसी बीच सीबीएसई बोर्ड के छात्र-छात्राएं अपनी प्रायोगिक परीक्षाओं में व्यस्त हैं। ऐसे में बोर्ड ने छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला करते हुए छात्रों को प्रायोगिक परीक्षाओं में राहत देने की घोषणा की है। सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।
प्रायोगिक परीक्षा की अंक सूची में फिलहाल उनके नाम और रोल नंबर के आगे अंग्रेजी में कैपिटल सी अंकित किया जाएगा, ताकि उनके अंक बाद में अपडेट किए जा सकें। संबंधित स्कूल प्रशासन के द्वारा सीबीएसई के क्षेत्रीय केंद्रों से परामर्श के साथ उनकी प्रायोगिक परीक्षाएं बाद में ली जा सकेंगी, लेकिन दोबारा प्रायोगिक परीक्षा 11 जून, 2021 के पहले करानी होगी। वहीं, सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि परीक्षार्थी अपना प्रायोगिक परीक्षा केंद्र भी बदल सकते हैं। इस आधिकारिक सर्कुलर को यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
सीबीएसई की पहल से बचेगा एक साल
सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं चार मई, 2021 शुरू होंगी। फिलहाल, विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। इसी बीच बोर्ड ने छात्रों का एक साल बर्बाद होने से बचाने के लिए एक अहम निर्णय किया है। सीबीएसई की ओर से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के कोरोना संक्रमित होने पर बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें फेल नहीं किया जाएगा।
लिखित परीक्षा के बाद में दे सकेंगे प्रायोगिक परीक्षा
सीबीएसई बोर्ड ने अभिभावकों की चिंताओं और विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किया है कि जो भी विद्यार्थी अभी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण प्रायोगिक कक्षाओं में भाग ले पाने में असमर्थ हैं, उन्हें प्रायोगिक परीक्षाओं में बैठने के लिए एक और विशेष अवसर दिया जाएगा। संक्रमित पाए गए छात्र-छात्राएं अप्रैल, 2021 में या फिर लिखित परीक्षाओं के बाद प्रायोगिक परीक्षाएं दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपनी कोविड-19 की पॉजिटिव जांच रिपोर्ट स्कूल में जमा करवानी होगी। इसके आधार पर ही उन्हें परीक्षा में राहत प्रदान की जाएगी। वहीं, सीबीएसई ने सर्कुलर जारी कर कहा है कि परीक्षार्थी अपना प्रायोगिक परीक्षा केंद्र भी बदल सकते हैं। इस आधिकारिक सर्कुलर को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
विशेषज्ञ बोले, होम बोर्ड परीक्षा का हो आयोजन
उधर, दूसरी ओर देशभर में एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के नए मामलों को लेकर विशेषज्ञ और शिक्षाविदों ने सीबीएसई बोर्ड को इस बार होम बोर्ड परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया है। विशेषज्ञों को कहना है कि बोर्ड ऐसा इंतजाम करना चाहिए ताकि छात्र घर बैठे हुए बोर्ड परीक्षाएं दे सकें। इससे लाखों छात्रों के अमूल्य जीवन को संकट में डालने से बचाया जा सकेगा।
शैक्षणिक सत्र के लिए बहुत ज्यादा देरी होगी
वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 2020-2021 का शैक्षणिक सत्र पहले से ही तीन महीने की देरी से चल रहा है। ऐसे में अगर परीक्षाएं किन्हीं कारणवश टालनी पड़ जाए तो अगले शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के लिए बहुत ज्यादा देरी हो जाएगी। ऐसा करना बेहद मुश्किल है। ऐसे में हमें अभी से ही वैकल्पिक व्यवस्था की ओर ध्यान देना होगा। साथ ही परीक्षा केंद्र बढ़ाने और परीक्षा का समय घटाने जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
कोविड प्रोटोकॉल की पालना जरूरी
इसके साथ ही सीबीएसई बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर छात्रों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य तौर पर करना होगा। पढ़ाई या परीक्षा का तनाव नहीं लेना चाहिए। वे पृथकवास और स्व-संगरोध नियमों का पालन जरूर करें। पूरी तरह से स्वस्थ हो जाने के बाद ही उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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