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सृजन घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई!
बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग सवा चार करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति अटैच की है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का यह दूसरा अटैचमेंट है. यह घोटाला तब प्रकाश में आया था जब बिहार के एक आईएएस अधिकारी ने एक सरकारी चेक बैंक में डाला तो पता चला कि बैंक में पैसे ही नहीं है.
जांच के दौरान पता चला कि सारा सरकारी पैसा धोखाधड़ी के जरिए सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया गया है. जांच के दौरान यह भी पता चला कि घोटाले बाजों ने साल 2008 से 2014 के बीच 550 करोड रुपए सरकारी खाते से निकालकर सृजन खाते में डाल दिए थे. साथ ही इसी संस्था के अकाउंट से सरकारी पैसों की बंदरबांट भी कर ली गई थी.
इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत शुरू हुई
सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी और आइएएस समेत अनेक अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश किए थे. बाद में इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने भी शुरू कर दी थी
ईडी के आला अधिकारी के मुताबिक आज के दूसरे अटैचमेंट में जिस चल अचल संपत्ति को ज़ब्त किया गया है उसमें पटना के भागलपुर और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 3 करोड़ 9 लाख रुपए के एक दर्जन फ्लैट हैं. बिहार के भागलपुर सीतामढ़ी और देवघर के इलाकों में 87 लाख रुपए मूल्य के 5 प्लॉट लगभग 12 लाख रुपए मूल्य की एक स्कॉर्पियो कार और बैंक में मौजूद लगभग सवा लाख रुपये शामिल हैं.
मामले में मनोरमा देवी को मुख्य आरोपी माना जा रहा था
इस मामले में मनोरमा देवी को मुख्य आरोपी माना जा रहा था जो इस सोसाइटी की महासचिव थी और मनोरमा देवी की मौत साल 2017 में हो गई थी. ईडी ने इसके पहले साल 2020 में 14 करोड से ज्यादा का अटैचमेंट किया था जिसकी मामले की जांच की जा रही है.
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